नई दिल्ली – वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) विधेयक यानी GST बिल को संसद से पारित कराने की सरकार की कोशिशों का परिणाम निकलता दिख रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री द्वारा सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को चाय पर चर्चा के लिए आमंत्रित करने के बाद बिल के इसी सत्र में पास होने का आसार बढ़ गए हैं।
इससे पहले प्रधामंत्री ने इस मुद्दे पर विपक्ष को साथ लाने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अपने पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह को चाय पर आमंत्रित किया। करीब 45 मिनट तक चली बैठक में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे।
बैठक खत्म होने के बाद जेटली ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व के साथ जीएसटी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर कांग्रेस ने अपनी तीन आपत्तियों से सरकार को अवगत कराया। हमलोगों ने अपना तर्क रखा। इस मुद्दे पर सोनिया गांधी अपनी पार्टी से बात करेंगी, जिसके बाद हमारे बीच फिर से बातचीत हो सकती है। सरकार कांग्रेस द्वारा जाहिर की गई आपत्तियों पर विचार कर रही है और उम्मीद है कि दोनों पक्ष सहमति पर पहुंच जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया और मनमोहन को चाय पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मोदी ने शुक्रवार को सोनिया और मनमोहन को खुद फोन किया। पिछले साल भाजपा को मिली शानदार जीत के बाद मोदी और सोनिया गांधी के बीच यह पहला सीधा संवाद है।
इससे पहले पूरा मानसून सत्र वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गया था। संसद में गतिरोध के चलते लोकसभा में कुल आठ और राज्यसभा में 11 बिल अटके पड़े हैं। ऐसे में इस बार सरकार चाहती है कि शीतकालीन सत्र के दौरान ज्यादा से ज्यादा काम हो और बेवजह हंगामे के चलते समय व्यर्थ न जाए। इसके अलावा राज्यसभा में जीएसटी बिल को पारित कराने के लिए कांग्रेस का समर्थन भी जरूरी है।