नई दिल्ली- 9वें जागरण फोरम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा बड़े दिल वाली सरकार ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिला सकती है। देखते हैं मौजूदा केंद्र सरकार का क्या रुख रहता है। जब तक पुलिस और दूसरे सिविक एजेंसियों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण होगा तो सही माएने में दिल्ली का विकास नहीं हो सकता है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से केंद्र सरकार के खाते में एक हजार करोड़ से ज्यादा का अंशदान होता है लेकिन केंद्र सरकार से महज 325 करोड़ वापस मिलता है। दिल्ली मॉडल लागू किये जाने पर उन्होंने कहा कि हर राज्य की अपनी खासियत होती है लिहाजा किसी भी राज्य के मॉडल को दूसरे राज्य में लागू नहीं किया जा सकता है।छोटे राज्यों की खासियत बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि प्रशासन का सीधे तौर पर जनता से जुड़ाव होता है।
छोटे राज्य और जनोन्मुखी विकास परिचर्चा में हिस्सा ले रहे झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकारों को आगे बढ़ने के लिए केंद्र की मदद के साथ साथ राज्यों को खुद आगे आने की जरुरत है। रघुवर दास ने कहा कि झारखंड ऊर्जा के क्षेत्र में काफी प्रगति कर सकता है,और इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
झारखंड सरकार स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ा रही है, सरकार ने अब तक तीन लाख टॉयलेट बनाने का काम पूरी कर चुकी है। जनजातीय इलाकों का विकास करना सरकार का लक्ष्य है। सीएम रघुवर दास ने कहा कि संसाधनों की कमी के बाद भी छोटे राज्यों का विकास संभव है। नक्सलवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास के बाद बड़ी संख्या में माओवादी सरेंडर कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा प्रशासन का विकेंद्रीकरण सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है,जिलों की संख्या बढ़ाने से प्रशासन की कार्यकुशलता बढ़ी है। पीडीएस में सुधार की वजह से गरीबों को फायदा मिला और इस कार्यक्रम को राज्य सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है। रमन सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद दोनों राज्य प्रगति कर रहे हैं। नक्सलवाद पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सुकमा और दंतेवाड़ा को मॉडल जिलों के तौर पर विकसित किया जा रहा है आने वाले समय में ये दोनों जिले विकसित जिलों की सूची में जगह बना लेंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड उपेक्षा का शिकार हुआ है। उत्तराखंड के पास रेल नहीं है संसाधनों की कमी है जिसकी वजह से राजस्व का संकट है। उन्होंने कहा कि जहां तक झारखंड और छत्तीसगढ की बात है दोनों राज्यों के पास प्राकृतिक संसाधन हैं जिनकी वजह से वो उत्तराखंड से आगे हैं। विकेंद्रीकरण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सही माएने में राज्यों में भी शक्ति सिर्फ राजधानियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उसे जिलों और गांवों तक पहुंचाने की जरुरत है। प्रथम सत्र में दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीएम हिस्सा ले रहे हैं।