बैतूल – सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल बैतूल जिले के आधा दर्जन गांवों में बीते 2 महीने के भीतर टाइगर ने 30 से अधिक पालतू जानवरों का शिकार कर लिया है। इससे गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मवेशियों को गंवाने वाले ग्रामीणों को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ओर से कोई मदद अब तक नहीं मिल पाई है।
जिले के ग्राम भतोड़ी, चिकलपाटी, निशाना, तीताखेड़ा के ग्रामीणों ने मंगलवार को बैतूल पहुंचकर कलेक्टर से अपनी पीड़ा जताते हुए मदद की गुहार लगाई है।
ग्राम भतोड़ी के बेहदर, दौलन, चैनी, संतलाल, अंतू समेत अन्य ने कलेक्टर को सौपे आवेदन में कहा है कि उनके गांवों को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद में शामिल कर लिया गया है। पिछले 2 महीने से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बाघ गांवों में पहुंचकर उनके जानवरों का शिकार कर रहे हैं। ग्रामीण दौलन ने बताया कि 24 नवंबर को कंपार्टमेंट क्रमांक 8 और 10 में उसके दो बैलों का बाघ ने शिकार कर डाला। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कुछ लोग गांव पहुंचे थे और प्रकरण बनाने के लिये कागजी खानापूर्ति की लेकिन आज तक कोई मदद नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों ने बताया कि हर दिन 2 से 3 मवेशियों को बाघ अपना शिकार बना रहे हैं।
बफरजोन में शामिल कर लिये 35 कंपार्टमेंट
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बैतूल जिले के पूंजी, रामपुर और भतोड़ी गांव के 35 कंपार्टमेंट शामिल कर लिये गए हैं। पहले ये गांव वन विकास निगम के अधीन थे लेकिन अब सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पास चले गए हैं। वर्ष 2014 में इन्हें बफर जोन में शामिल हो जाने के बाद से इन गांवों में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बाघों की आवाजाही बढ़ गई है। मवेशियों का लगातार शिकार होने के कारण ग्रामीणों में भी अपनी सुरक्षा को लेकर दहशत का माहौल है।
शिकायत आई तो जांच कराएंगे
बफर जोन में टाइगर का जाना कोई नई बात नहीं है। यदि शिकार हुआ है तो मुआवजा भी मिल गया होगा। ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि लोक सेवा गारंटी में आवेदन आने के बाद 3 दिन में उसका निराकरण करना होता है। यदि शिकायत आई है तो उसकी जांच करा ली जाएगी।
एके मिश्रा, एसडीओ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद
रिपोर्ट :- अकिल अहमद