बरेली – राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने भी बाबरी ध्वंस के मुद्दे पर नगर विकास मंत्री आजम खां के सुर से सुर मिलाया है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की शह पर गिरी थी।
अगर वह छह दिसंबर से पहले तत्कालीन कल्याण सरकार बर्खास्त कर देते तो बाबरी मस्जिद शहीद नहीं होती। बरेली कालेज में मुस्लिम मूवमेंट की ओर से आयोजित सेमिनार में हिस्सा लेने आए जिलानी ने सैलानी स्थित निजी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए 25 साल से पत्थर तराशे जा रहे हैं।
मुसलमानों को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मगर, जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो मंदिर या मस्जिद निर्माण की बात करना गलत है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अगर अयोध्या में राम मंदिर बनवाना चाहती है तो इस केस की सुप्रीम कोर्ट में डे टू डे सुनवाई कराकर जल्दी फैसला करा सकती है, मगर भाजपा सरकार ऐसा करने के बजाय राम मंदिर मसले का सियासी फायदा उठाने में जुटी है।
मुसलमानों को 18 फीसदी आरक्षण देने के सपा सरकार के वादे पर कहा कि राज्य सरकार संविधान के तहत ऐसा नहीं कर सकती। सच्चर और रंगनाथ मिश्रा कमेटी ने मुसलमानों की आर्थिक हालत दलितों से भी बदतर होने की रिपोर्ट दी थी।
कांग्रेस सरकार ने इसे कूड़ेदान में डाल दिया। वार्ता में दर्जा राज्य मंत्री कमर आलम और सिद्धार्थ सिंह के अलावा वसी अहमद, शमीम खां सुल्तानी और महताब अहमद आदि मौजूद थे।