कोच्चि – केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार पर सोलर घोटाले की मुख्य आरोपी के ताजा आरोप ने सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस मुद्दे पर केरल में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने त्रिवेंद्रम में सोलर घोटाले पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। हालात ऐसे बन गए कि प्रशासन को प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग भी करना पड़ा।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। त्रिशूर कोर्ट ने केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के खिलाफ एफआईआर करने का निर्देश दिया है।
केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार पर सोलर घोटाले की मुख्य आरोपी के ताजा आरोप ने सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
मामले की आरोपी सरिता एस नायर ने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी और उनके कैबिनेट सहयोगी ए मोहम्मद पर 2 करोड़ रुपये बतौर घूस लेने का आरोप लगाया है। वहीं विपक्ष ने मामले में राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया है।
केरल सरकार के मुश्किलों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इससे पहले आबकारी मंत्री और वित्त मंत्री केएम मणि को भी विभिन्न आरोपों के चलते अपना पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। कांग्रेस की शर्मिंदगी का दौर यहीं नहीं रुका अब सोलर घोटाले में सरकार घिर गई है।
मामले की जांच कर रही जस्टिस शिवराजन कमीशन के समक्ष कोच्चि में बुधवार सुबह पेश मुख्य आरोपी सरिता सरिता ने आरोप लगाया है कि उसने मुख्यमंत्री के प्रमुख सहयोगी को 1.90 करोड़ रुपये मेगा सोलर प्रोजेक्ट के लिए दिए और करीब 40 लाख रुपये ऊर्जा मंत्री ए मोहम्मद के पीए को दिए।
वहीं मुख्यमंत्री चांडी ने इन आरोपों को सरिता की मामले से बचने की चाल बताते हुए खारिज कर दिया। चांडी ने कहा कि उन्होंने सरिता की इस मामले में कभी कोई मदद नहीं की। वहीं सरिता ने कहा कि वह 27 दिसंबर, 2012 को मुख्यमंत्री चांडी से विज्ञान भवन में मिली थी।
इससे पहले चांडी न्यायिक आयोग के समक्ष 25 जनवरी को पेश हुए थे वहां उनसे 14 घंटे की मैराथन पूछताछ हुई थी। वहीं आयोग समक्ष पेश सरिता ने चांडी के पूर्व पीए पर राज्य के विभिन्न भागों में सोलर प्रोजेक्ट के लिए सात करोड़ घूस मांगे थे।