खंडवा – पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने आज पर्यटन विभाग को आवंटित शासकीय भूमियों का नीलामी से निवर्तन की नीति-2008 (यथा संशोधित-2014) में संशोधन करने का फैसला लिया। इसके अनुसार भूमि का आरक्षित मूल्य (ऑफसेट प्राइज) निर्धारित करने के लिये अचल सम्पत्ति के समव्यवहारों में मुद्रांक शुल्क और पंजीयन शुल्क के लिये कलेक्टर गाइड-लाइन में निर्धारित प्रति हेक्टेयर दर (तत्सदस्य भूमि के लिये) को उपयोग में लाया जायेगा। परंतु हेरीटेज महत्व के भवनों को निवर्तन के लिये भवन और अनुषांगिक भूमि का कुल आरक्षित मूल्य एक लाख रुपये करवाया जायेगा। निवर्तन के लिये हेरीटेज भवनों और अनुषांगिक भूमि के चिन्हांकन एवं चयन की कार्यवाही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समन्वय समिति करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में खंडवा जिले के हनुवंतिया में हुई देश की अपनी तरह की पहली मंत्रि-परिषद की बैठक में पर्यटन के विकास के लिये गहन विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कृषि केबिनेट की तर्ज पर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को साकार रूप देने के लिये पर्यटन केबिनेट भी गठित की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदिरा सागर के इस बेक-वॉटर का दृश्य एक अंतर्राष्ट्रीय-स्तर के पर्यटन-स्थल की तरह है। यह एशिया के विशालतम मानव निर्मित बाँध के साथ ही इस विपुल जल राशि के मध्य स्थित अनोखा स्थान है। मध्यप्रदेश सरकार इसे एक विशिष्ट पर्यटन-स्थल के रूप में निरंतर विकसित करेगी।
बैठक में मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिये। मध्य प्रदेश में पर्यटन चुनौतियाँ एवं संभावनाएँश्श् का प्रेजेंटेशन सचिव मुख्यमंत्री एवं पर्यटन तथा प्रबंध संचालक राज्य पर्यटन विकास निगम हरिरंजन राव ने किया।
हनुवंतिया एक आकर्षक पर्यटन-स्थल
खंडवा जिले में विकसित हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स तक पहुँचने के लिये इंदौर से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। यह स्थान महेश्वर से लगभग 150 और ओंकारेश्वर से 85 किलोमीटर दूर है। राजधानी भोपाल से तीन पृथक-पृथक मार्गों से इसकी दूरी लगभग 300 से 350 किलोमीटर है। इसी माह 12 से 21 फरवरी के बीच जल-महोत्सव भी पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा है। महोत्सव में रोमांचक एवं साहसिक खेलों की गतिविधियाँ होंगी। महोत्सव में मध्यप्रदेश की बहु-आयामी लोक-संस्कृति को देखा जा सकेगा। इस अवधि में फूड बाजार में स्वाद का मेला भी होगा। मध्यप्रदेश में जल-पर्यटन की अपार संभावनाओं को साकार करने की दिशा में आज ष्नर्मदा क्वीन क्रूजष् पर सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है।
हनुवंतिया पर्यटन परिसर का लोकार्पण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज खंडवा जिले के हनुवंतिया में पर्यटन परिसर का लोकार्पण किया। मध्यप्रदेश में पर्यटन के विस्तार तथा वॉटर-टूरिज्म की दिशा में यह एक अनूठी शुरूआत है। मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा हनुवंतिया में लगभग 10 करोड़ की लागत से विकसित यह पर्यटन परिसर नर्मदा बाँध के बेक-वॉटर में बनाया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यटन सुविधाओं के विस्तार की दिशा में हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। श्री चौहान ने परिसर में निर्मित कॉटेज, बोट-क्लब एवं अन्य सुविधाओं का अवलोकन किया। उन्होंने व्यू-पाइंट पर जाकर दूर-दूर तक फैले नीलाभ जल को भी देखा।
इस मौके पर राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्य, सांसद एवं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, विधायक तथा मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। निगम के एम.डी. श्री हरिरंजन राव ने हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स एवं आगामी 12 से 21 फरवरी तक होने जा रहे प्रथम जल-महोत्सव की तैयारियों से अवगत करवाया।
पर्यटन विभाग को आवंटित भूमि नीलामी निवर्तन नीति-2008 में संशोधन होगा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने आज पर्यटन विभाग को आवंटित शासकीय भूमियों का नीलामी से निवर्तन की नीति-2008 (यथा संशोधित-2014) में संशोधन करने का फैसला लिया। इसके अनुसार भूमि का आरक्षित मूल्य (ऑफसेट प्राइज) निर्धारित करने के लिये अचल सम्पत्ति के समव्यवहारों में मुद्रांक शुल्क और पंजीयन शुल्क के लिये कलेक्टर गाइड-लाइन में निर्धारित प्रति हेक्टेयर दर (तत्सदस्य भूमि के लिये) को उपयोग में लाया जायेगा। परंतु हेरीटेज महत्व के भवनों को निवर्तन के लिये भवन और अनुशांगिक भूमि का कुल आरक्षित मूल्य एक लाख रुपये करवाया जायेगा। निवर्तन के लिये हेरीटेज भवनों और अनुषांगिक भूमि के चिन्हांकन एवं चयन की कार्यवाही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समन्वय समिति करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में खण्डवा जिले के हनुवंतिया में हुई देश की अपनी तरह की पहली मंत्रि-परिषद की बैठक में पर्यटन के विकास के लिये गहन विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कृषि केबिनेट की तर्ज पर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को साकार रूप देने के लिये पर्यटन केबिनेट भी गठित की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदिरा सागर के इस बेक-वॉटर का दृश्य एक अंतर्राष्ट्रीय-स्तर के पर्यटन-स्थल की तरह है। यह एशिया के विशालतम मानव निर्मित बाँध के साथ ही इस विपुल जल राशि के मध्य स्थित अनोखा स्थान है। मध्यप्रदेश सरकार इसे एक विशिष्ट पर्यटन-स्थल के रूप में निरंतर विकसित करेगी।
बैठक में मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिये। “मध्यप्रदेश में पर्यटन चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ’ का प्रेजेंटेशन सचिव मुख्यमंत्री एवं पर्यटन तथा प्रबंध संचालक राज्य पर्यटन विकास निगम श्री हरिरंजन राव ने किया।