नई दिल्ली – जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई नेता डी. राजा ने शनिवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
इस बीच भाजपा सांसद महेश गिरि ने पूरी घटना में डी. राजा की बेटी अपराजिता राजा का नाम भी लिया है। गिरि ने आरोप लगाया है कि जो लोग देश विरोधी नारे लगा रहे थे उनमें डी. राजा की बेटी भी शामिल थी। उन्होंने ट्विटर पर तस्वीर भी जारी की है।
उधर, गृहमंत्री से मुलाकात के बाद येचुरी ने पुष्टि की कि सरकार ने जिन बीस छात्रों की सूची बनाई है, उनमें डी. राजा की बेटी भी शामिल है।
वहीं डी. राजा ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह सब बेबुनियाद है। मेरी और मेरी बेटी की देशभक्ति पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर सकता।
येचुरी ने आरोप लगाया कि देश के उच्च् संस्थानों में आरएसएस की सोच लागू करने की कोशिश की जा रही है। हमने गृहमंत्री से मिलकर मांग की है कि मामले में बेकुसर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। जो लोग नारे लगा रहे थे और जिन लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगा है वो दोनों अलग हैं।
उन्होंने वीडियो की सत्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसमें डी राजा की बेटी के होने की बात भी कही जा रही है लेकिन यह कौन साबित करेगा की वो फुटेज सही है। पहले तो यह साबित किया जाए की यह घटना वहां हुई है। हमने गृहमंत्री से कहा है कि यह घटना इमरजेंसी के हालातों से भी बदतर है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि मामले में बेगुनाहों पर कार्रवाई नहीं होगी।
आपको बता दें कि इस मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों में दिए अपने संबोधन में कहा था कि कि भारत विरोधी नारा लगाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाने में जो लोग भी शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। छात्रसंघ अध्यक्ष को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में आदि शक्ति मां पाटेश्वरी देवी पब्लिक स्कूल के लोकार्पण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित करते हुए ये बात कही । गृहमंत्री ने कहा कि बड़ा दुख होता है कि अच्छी शिक्षा प्राप्त नौजवान राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होते हैं इसलिए पढ़ाई में ज्ञान प्राप्त करना ही बहुत कुछ नहीं होता है। हमें शिक्षा में ज्ञान के साथ बच्चों को संस्कार भी देने की जरूरत है।
9 फऱवरी को जेएनयू में वामपंथी और दलित संगठनों से जुड़े छात्रों ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाई इसमें कश्मीर के छात्र भी शामिल थे। इसके लिए कैंपस में एक सांस्कृतिक संध्या का आय़ोजन भी किया गया था इस दौरान देश विरोधी नारे भी लगाए गए।
जेएनयू प्रशासन इस बात की जांच शुरू कर चुका है कि आखिर इजाजत नहीं मिलने के बाद भी कैंपस में अफजल गुरु की बरसी का कार्यक्रम कैसे आयोजित हुआ? ये पहला मौका नहीं है जब देश की इस नामी यूनिवर्सिटी में इस तरह की देश विरोधी हरकत हुई है। अफजल गुरु की फांसी के वक्त भी यहां विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे।