नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस प्रकार स्वामी दयानंद अंधविश्वास के खिलाफ लड़े उस प्रकार ही हमें भी उन्हीं की राह पर चलने की जरूरत है ताकि देशवासियों की तरक्की हो सके।
वह स्वामी दयानंद सरस्वती की 192वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में बोल रहे थे। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमें 21वीं सदी के भारत निर्माण का सपना पूरा करने के लिए तैयार होना चाहिए। पीएम ने कहा कि आर्यसमाज ये नहीं सिखाता की क्या करें या क्या न करें पर उसका विचार देश के कल्याण से जुड़ा है।
ज्ञान के पथ प्रदर्शक थे स्वामी दयानंद। स्वच्छ भारत अभियान की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कहा गया था कि डीएवी के छात्र गंगा सफाई अभियान से जुड़ेंगे,अगर गंगा की सफाई होगी तो देश का ही मान बढ़ेगा। तो इस लिए अब मैं डीएवी के सभी छात्रों, अध्यापकों और उनके अभिभावकों को गंगा सफाई अभियान से जोड़ने की घोषणा करता हूं।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सरकार नागरिकों पर आशंका करे इस दूरी को मिटना चाहिए। इसलिए हमने तय किया कि हम नागरिकों पर भरोसा करेंगे। पीएम ने कहा कि एक ऐसा समय आएगा जब अन्य देश के लोग बुजुर्ग हो रहे होंगे उस वक्त भारत का युवा दुनिया को कामगार के रूप में उपलब्ध होगा।
वह दिन दूर नहीं जब भारत का नौजवान दुनिया की तकदीर बदलेगा। देश की आर्थिक स्थिति पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि जब दुनिया में आर्थिक मंदी देखी जा रही है, वहीं भारत अकेला ऐसा देश है जहां आर्थिक स्तर पर तरक्की की राह पर चल रहा है।
पीएम 8 सौ से अधिक डीएवी शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाने वाले करीब 60 हजार अध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।