नई दिल्ली– मध्य प्रदेश के खंडवा जिला जेल से एक अक्टूबर 2013 से फरार 6 सिमी आतंकियों में से दो सहित 4 को गिरफ्तार कर लिया गया ! ओडिशा के राउरकेला में राज्य पुलिस और एसओजी कर्मियों (विशेष अभियान समूह) के संयुक्त अभियान में सिमी के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक महिला भी है। इनसे पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।
यह भागे थे खंडवा जेल से…
1. अबु फैसल इमरान मुंबई,
2. अमजद रमजान
3. जाकिर बदरूल हुसैन
4. असलम अय्यूब
5. गुड्डू मेहबूब इस्माईल
6. एजाजुद्दीन अजीजुद्दीन
यह आतंकी अबू फैजल की अगुआई में एक अक्टूबर 2013 को खंडवा जेल ब्रेक कर फरार हो गए थे। जिसमे शेख मेहबूब और जाकिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से तीन की गिरफ्तारी पर एनआईए ने 10-10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। बिजनौर बम धमाकों सहित कई आतंकी साजिशों में एनआईए को इनकी तलाश थी।
अबू को एमपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया था और वह अभी भोपाल जेल में बंद है। इसके अलावा दो आतंकी असलम और एजाजुद्दीन को तेलंगाना पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। फरार तीन आतंकियों के साथ सालिक भी जुड़ गया था।
एनआईए के सूत्रों मुताबिक, पिछले साल बिजनौर और चेन्नई में हुए ब्लास्ट में इन्हीं चारों का हाथ था ! इसके अलावा बेंगलुरु आतंकी घटना में भी शक की सुई आतंकियों के इसी समूह पर आकर टिक रही है। माना जा रहा है कि वह किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे।
ऐसे तोड़ी जेल
-आतंकवादियों ने शहीद जननायक टंट्या भील जिला कारागार के बैरक नंबर-2 के शौचालय की दीवार में सेंध लगाई।
-हर बैरक के बाहर प्रहरी की ड्यूटी रहती है। आतंकियों ने बैरक से निकलने के लिए इनकी ड्यूटी बदलने के समय का इंतजार किया।
-बैरेक से निकलकर अंधेरे का फायदा उठाते हुए जेल की चाहरदीवारी के पास पहुंचे।
-20 फुट ऊंची चाहरदीवारी फांदने के लिए इन्होंने पहले से चादरों को जोड़कर रस्सी बनाई हुई थी।
-यह सब इतनी चतुराई से किया गया कि जेल स्टाफ को बंदी भागने की जानकारी डेढ़ से दो घंटे बाद मिली।
गौरतलब है कि सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) भारत में प्रतिबंधित संगठन है। केंद्र सरकार ने इसे आतंकी संगठन मानते हुए वर्ष 2001 से प्रतिबंधित कर रखा है। सिमी की स्थापना अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने 1977 में की थी। इसका घोषित उद्देश्य भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलना है। इस काम के लिए यह संगठन हिंसा या जोर-जबरदस्ती को गलत नहीं मानता।