मुंबई- किसानों को खेती में विशेष प्रदर्शन और उपलब्धि के लिए सरकार ‘शेती निष्ठा अवार्ड’ देती है लेकिन मराठवाड़ा के सुखा पीड़ित किसानों ने अपने अवार्ड वापस करने का फैसला किया है ! अवार्ड लौटाने का कारण किसानों के लिए सरकार की असंवेदनशीलता बताई जा रही है !
किसानों में अवार्ड लौटाने की शुरुआत जालना के वलसावंगी में रहने वाले 78 साल के किसान नारायण खडके ने साल 1983 में मिले ‘शेती निष्ठा अवार्ड’ को वापस कर दिया है ! यह अवार्ड उन्हें बेहतरीन खेती और उत्पादकता बढ़ाने के लिए दिया गया था. तत्कालीन राज्यपाल ने उन्हें अवार्ड प्रदान किया था !
वहीँ दूसरे किसान विट्ठलराव काले ने न सिर्फ अपना अवार्ड बल्कि इसके साथ मिले दस हजार रुपये रकम का चेक भी सरकार को वापस किया है ! लातूर जिले के कर्ला गांव में रहनेवाले काले को साल 2001 में ‘शेती निष्ठा अवार्ड’ मिला था ! काले ने चेक मुख्यमंत्री रिलीफ फंड के नाम से भेजा है !
खडके ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की ओर से कई योजनाओं का ऐलान होता है, लेकिन उसका कोई फायदा हम किसानों तक नहीं पहुंचता ! सरकार को हमारी दिक्कतों को जानने के लिए हमसे बातें करनी चाहिए ! उन्होंने कहा कि जब हमें यकीन हो गया है कि गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है ! कर्ज में दबे किसानों को सुनने वाला कोई नहीं है ! तब मैंने अवार्ड लौटाने का फैसला किया !