#नई दिल्ली– उम्मीद के मुताबिक विवादित मुद्दों के बीच शुरू हुआ संसदीय बजट सत्र हंगामे दार रहा जिसका असर आज भी देखने को मिला ! राज्यसभा की शुरुआत आज हंगामे के साथ हुई। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने उच्च सदन राज्यसभा में हैदराबाद में आत्महत्या कर जान गंवाने वाले छात्र रोहित वेमुला के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया !
सरकार पर आरोप लगाया कि ‘बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी’ रोहित को आत्महत्या करने के लिए विवश किया गया, क्योंकि आरएसएस की विचारधारा को जबरन थोपा जा रहा है। सदन के उपसभापति पीजे कुरियन के बार-बार कहने पर भी मायावती शांत नहीं हुईं, और इसके बाद अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी नारेबाजी करते हुए सदन के वेल तक पहुंच गए।
बीएसपी की मांग थी कि रोहित वेमुला मामले पर सदन में चर्चा हो। जिसके लिए सरकार तैयार भी हो गई। सरकार की ओर से कहा गया कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के बाद अपना बयान रखेगी। लेकिन बीएसपी सांसद शांत नहीं हुए। हंगामा बढ़ने पर राज्यसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। जैसे ही कार्यवाही फिर शुरू तो हंगामा शांत नहीं हुआ। आखिर में सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में हंगामे के बीच सरकार की ओर से मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बीएसपी और बाकी विपक्ष पर निशाना साधते हुए सियासत करने का आरोप लगाया ! इससे पहले सरकार की योजना राज्य सभा में चार विधेयकों पर विचार करने और सदन की मंजूरी के लिए पेश करने की थी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण ‘द व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन(अमेंडमेंट)बिल’ है।
उम्मीद है कि अगर सदन की कार्यवाही चली तो प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह इस बिल को पेश करेंगे। सरकार जहां राज्य सभा में विधेयकों को पेश करने और सदन की मंजूरी दिलाने के लिए व्यग्र है।
रोजमर्रा के विधायी कामकाज के क्रम में कुल चार बिलों को सदन में मंजूरी के लिए पेश किया जाना है। नेशनल वाटरवेज बिल-2015 को भूतल परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, द कैरिज बाई एयर (संशोधन) बिल-2015 को नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और द ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड को खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान पेश करेंगे।
आम तौर सरकार बिलों को सदन में चर्चा और मंजूरी के लिए पेश करती है। इसके बाद निर्धारित प्रक्रिया के तहत विधायी कार्य शुरू होता है, लेकिन पिछले साल जिस तरह संसद का मानसून और शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा है उसको देखते हुए जीएसटी समेत अन्य महत्वपूर्ण बिलों को सदन की मंजूरी मिल पाने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। फिलहाल राज्यसभा में जमकर हंगामे के चलते कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित किया जा चुका है।