मुंबई – सांताक्रुज ( पूर्व ) वकोला पुलिस थाने की हद में घटी घिनौनी घटना के विरुद्ध आज से बीते दो वर्ष से दर दर की ठोकरें खाने के बाद पीड़िता दामिनी ( बदला हुआ नाम ) अपने मान स्वाभिमान के लिए न्याय की मांग को लेकर पहुंची क्राईम ब्रांच सह पो० आयुक्त के पास जहाँ उसे न्याय की किरण दिखाई दी। मामला निलंबित पुलिस उपनिरीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ से सम्बंधित है।
वर्तमान में कई ऐसे मामले प्रत्यक्ष रूप से आईने तरह साफ़ दिखाई दे चुकें है जिसमे कई पुलिस वाले ने किसी जवान बालिका या महिला के साथ बलात्कार किया यह कहकर कि मैं तेरे साथ शादी करूंगा या तेरा काम मैं ही करवा दूंगा। बाद में पीड़ित महिला पुलिस थाने के चक्कर काटती है न्याय पाने की खातिर, ठीक ऐसा ही मिलता जुलता मामला मुंबई के सबसे बदनाम पुलिस थाने वाकोला का मामला प्रकाश में आया है। पिछले दो महीने से पीड़िता दामिनी ( बदला हुआ नाम ) ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पत्र लिखकर न्याय माँगा और उनसे मिली भी।
दामिनी ने अपनी आप बीती में बताई कि वकोला पुलिस थाने में जब वरिष्ठ के पद पर स्वर्गीय विलास जोशी हुआ करते थे यह मामला उस वक़्त का है। दामिनी के अनुसार अजय कनोजिया नामक एक व्यक्ति ने उससे 2 ( दो लाख ) रूपये उधार के लिए थे। लेकिन जब उसने वापस अपने पैसे मांगे तो धमकाने लगा तब वो वकोला पुलिस थाणे पहुंची कनोजिया के विरुद्ध शिकायत करने, तब उसे पुलिस उपनिरीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ मिला और दामिनी से कहा कि अर्जी मुझे दो मैं ही तेरा ये काम करवा सकता हूँ।
दामिनी पुलिस वाले के झाँसे में आ गयी ताकि उसे न्याय मिल सके। और फिर दामिनी से कहने लगा कि मेरे वरिष्ठ मुझे काम नहीं करने देते तुम उनकी शिकायत ऊपर लेवल पर करो जोशी ब्राह्मण है मुझे नीची निगाह से देखता है। और दामिनी पर अपना जादुई जाल बिछा कर दोस्ती कर राजेन्द्र गायकवाड़ ने मीठे मीठे बोलकर कई बार उससे पैसे भी लिए, और पैसे लौटाए भी ताकि विश्वास का पात्र बन सके, क्योंकि दामिनी बॉलीवुड में एक जानी मानी हेयर स्टाइलिश है। वो काफी पैसा कमा लेती है।
ये जानकारी गायकवाड़ को पहले से ही थी। लेकिन दामिनी उस पुलिस वाले के खतरनाक इरादे से अनजान थी। गायकवाड़ उसके घर पर कनोजिया मामले की पूछ ताछ मामले में बहाना बना कर आने लगा। और फिर एक दिन दामिनी को उसी के घर में अपनी ताकत के साथ सोफे पर धकेल कर जबरदस्ती करने लगा। जिसकी शिकायत दामिनी ने जोशी को की और उसके कनोजिया मामले को खुद जोशी ने देखने का आश्वासन दिया कि मैं तुझे न्याय देने की कोशिश करूंगा। राजेंद्र गायकवाड़ के विरुद्ध दामिनी का बयान भी हुआ।
लेकिन कोई कार्रवाई नहीं न ही उसका पैसा गायकवाड़ ने लौटाया जो दोस्ती खाते में लिया था। जब वो अपना पैसे मांगने लगी तो गायकवाड़ पुलिस वर्दी की धाक दिखाने लगा। उसी दौरान वकोला पुलिस थाणे से एक महिला पुलिस कर्मी का भी फोन आया की गायकवाड़ के मामले से हट जा। इसके बाद जोशी की मृत्यु होने के बाद दामिनी का मामला ठंडा पड़ गया।
फिर दामिनी ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त छेरिंग दोरजे से मिली अपनी आप बीती सुनाई और फिर दोरजे ने उपायुक्त मिश्रा को आदेश दिया कि इस मोलेस्टिस मामले में जांच करो।
दामिनी द्वारा अर्जी देने के बाद विले पार्ले पूर्व पुलिस थाने की वरिष्ठ रक्षा महाराव ने जांच शुरू की और दामिनी को न्याय देने की बजाये गायकवाड़ को बचाना शुरू किया नाराज़ दामिनी ने उपायुक्त मिश्रा को रक्षा महाराव की शिकायत की और सह आयुक्त भारती को भी इस बात की जानकारी दी।
इसी दौरान दामिनी प्रसिद्द और ईमानदार पुलिस अधिकारी राकेश मरिया को भी मिली उन्होंने भी न्याय देने का आश्वासन दिया इसके बाद मरिया के कार्यालय से एक पत्र सह आयुक्त भारती को भी दिया गया। उपायुक्त मिश्रा ने जांच जिम्मेदारी खेरवाडी पुलिस थाने की वरिष्ठ सुजाता पाटिल को दी लेकिन सुजाता पाटिल ने भी वही किया जो रक्षा महाराव ने किया।
अंत में त्रस्त होकर दामिनी मुंबई शहर के क्राइम ब्रांच के सह आयुक्त अतुल कुलकर्णी के पास जा कर न्याय का दरवाज़ा खटखटाई और न्याय की खातिर अपने मान सम्मान वापस पाने और निलंबित पुलिस उपनिरीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ के विरुद्ध मोलेस्टिस का मामला दर्ज करने के लिए मांग की ! क्योकि उसने अपने सेल फोन से एक सन्देश में महाराष्ट्रा के डी० जी० दीक्षित को भेजा था कि न्याय नहीं मिला तो वो आत्महत्या कर लेगी यही बात उसने कुलकर्णी को भी कही की पुलिस जिम्मेदार होगी इस मामले की।
दोनों महिला पुलिस अधिकारी रक्षा महाराव और सुजाता पाटिल ने अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभाई ! कुलकर्णी ने कहा कि एक लिखित शिकायत पत्र दो कार्रवाई जरूर होगी। मुंबई के एक वेबसाईट में भी दामिनी की खबर फ़्लैश हुयी और यह खबर पर सह आयुक्त कुलकर्णी ने संवाददाता अजय शर्मा को एक सन्देश के माध्यम से बताया कि दामिनी से मिलने के बाद उन्होंने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दोरजे को इंस्ट्रक्शन पास किया है। दामिनी मोलेस्टिस मामले में,
पुलिस उप निरीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ निलंबन की वजह – सांताक्रुज पूर्व स्टेशन के पास एक मेडिकल की शॉप में एक रॉबरी मामले में पूर्ण दस्तावेज जमा नहीं करने और पीड़ित महिला सहित उसके ४ चार वर्ष के बच्चे को गिरफ्तारी मामले मे राजेंद्र गायकवाड़ के विरुद्ध पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत करने की वजह से गायकवाड़ को निलंबित किया गया।
रिपोर्ट- अजय शर्मा