नई दिल्ली– देशद्रोह के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार गुरुवार को जेल से रिहा किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत देने के साथ ही कन्हैया से कहा है कि वह ऐसी किसी गतिविधि में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं लेंगे, जिसे राष्ट्रविरोधी कहा जाए। जानकारी के अनुसार आज करीब 11 बजे तिहाड़ जेल से कन्हैया कुमार रिहा किया जाएगा।
देशद्रोही नारे लगाने के मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत पर रिहा कर दिया गया लेकिन उसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट जज उन्हें देशप्रेम का पाठ पढ़ाया। जस्टिस प्रतिभा रानी ने राष्ट्रभक्ति भरे एक गीत का हवाला देते हुए पूछा जेएनयू कैंपस से शांति का रंग क्यों गायब हो रहा है। जेएनयू के टीचरों व छात्रों जवाबदेही है कि वह इसका जवाब दें।
कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति के अधिकार के साथ हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं, जिसे समझने की जरूरत है। अगर कोई आजादी के नारे लगाता है, तो वह यह नहीं सोच पाता कि वह सुरक्षित इसलिए है क्योंकि हमारे जवान वहां अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं, जहां ऑक्सीजन तक नहीं है।
जस्टिस प्रतिभा रानी की पीठ ने कहा कि अगर किसी के पैर में इन्फेक्शन हो जाता है तो उसका पहले एंटीबायॉटिक से इलाज किया जाता है। अगर वह ठीक नहीं होता तो अगला कदम उठाया जाता है। अगर उससे भी ठीक न हो तो फिर उसकी सर्जरी की जाती है। विडियो फुटेज में कन्हैया देशद्रोही नारे लगाते नहीं दिख रहे हैं। लेकिन गवाहों के बयान हैं कि वह उक्त घटना में सक्रिय थे।
हालाँकि बुधवार को कन्हैया को देशद्रोह मामले में हाई कोर्ट ने सशर्त छह महीने की जमानत दे दी। अदालत ने 10 हजार रुपए की जमानत राशि पर कन्हैया को जमानत दी है। कोर्ट ने शर्त लगाई है कि इजाजत के बगैर कन्हैया देश छोड़कर न जाएं।