ब्रिटेन की एक कंपनी नई पहल के तहत अपनी महिला कर्मचारियों के लिए ‘पीरियड पॉलिसी’ शुरू करने वाली है ! जिसके अनुसार महिलाएं माहवारी के दौरान छुट्टी ले सकती हैं जिसकी पूर्ति वे बाद में अपने काम से करेंगी ! वहीँ पीरियड पॉलिसी के अनुसार महिला कर्मचारी माहवारी के दौरान काम के घंटों में बदलाव कर सकती हैं !
पीरियड्स में छुट्टी देने की घोषणा सबसे पहले 1947 में जापान ने की थी। साउथ कोरिया, ताइवान और इंडोनेशिया में भी कानून है। वहीं, पश्चिमी देशों में भी इसके लिए कई महिला संगठन जागरुकता आंदोलन चला रहे हैं। हालांकि भारत में किसी भी निजी और सरकारी संस्था में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है।
कंपनी की डायरेक्टर बेक्स बेक्स्टर ने कहा, “मैं स्टॉफ की महिला सदस्यों के साथ कई सालों से काम कर रही हूं। मैंने देखा है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर काम का बोझ कैसे दोगुना हो जाता है, क्योंकि वह असहनीय दर्द से गुजरती हैं। पर वे इस बात को साथियों से छिपाती हैं।”
कामकाजी महिलाओं की माहवारी के दौरान की मुश्किलों को रेखांकित करने और उसके लिए कदम उठाने वाला ब्रिटेन पहला देश नहीं हैं ! कोएक्सिस्ट नाम की इस कंपनी में 31 कर्मचारी हैं, इनमें 24 महिलाएं हैं। यह आर्टिस्ट, एक्टिविस्ट व कम्युनिटी संस्थाओं के लिए काम करती हैं।
पीरियड पॉलिसी के तहत यदि किसी महिला को मंथली साइकिल के दौरान परेशानी होती है, तो वे टाइम ऑफ लेकर घर जा सकती है। ये सिकनेस लीव में शामिल नहीं होगा। कंपनी पॉलिसी को 15 मार्च को शुरू कर सकती है। इसके लिए सेमिनार का आयोजन भी किया है।
वहीँ कंपनी के अनुसार “यह कहना गलत है कि उन्हें छुट्टी देने से काम प्रभावित होगा। यह प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसके लिए महिलाओं को काफी एहतियात भी बरतनी पड़ती है। हमें नकारात्मक बातें छोड़कर समाज के लिए कुछ सकारात्मक पहल करनी होगी।”
चीन के शांक्सी, हुवेई, ग्वांगदोंग और अनहुई प्रांतों में महिलाओं को पीरियड्स में छुट्टी के लिए कानूनी प्रावधान है। पर 20% महिलाएं इसलिए छुट्टी नहीं लेती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे सहयोगियों से काम में पिछड़ जाती हैं।
[इंटरनेशनल डेस्क]