भोपाल : शुक्रवार को विधानसभा में सरकार अपने ही विधायक के सवाल के चलते विपक्ष के निशाने पर चढ़ गई और कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा। भाजपा विधायक देवेन्द्र वर्मा ने प्रश्रकाल के दौरान खंडवा शहर में अनियमित यातायात और पुलिस की अवैध वसूली का मामला उठाया। प्रश्र आते ही कांग्रेस विधायकों ने भी भाजपा विधायक का समर्थन करते हुए सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेसी खंडवा यातायात उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) को हटाए जाने की मांग करते हुए जबर्दस्त शोर-शराबा करने लगे जिसके चलते सदन की कार्यवाही को पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़।
सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि अगर कोई समस्या है, तो नगर सुरक्षा समिति की बैठक में मसले को सुलझाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यातायात पुलिस वसूली और लोगों से दुव्र्यवहार नहीं करती और यातायात व्यवस्था की देखभाल नगरपालिका द्वारा की जाती है।
इस बीच एक अन्य भाजपा विधायक राजेंद्र फूलचंद वर्मा ने भी भाजपा विधायक वर्मा के प्रश्र का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि ये पूरे प्रदेश की समस्या है और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी पूरी तरह अधिकारियों पर नहीं छोडी जा सकती। गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट रामनिवास रावत समेत कांग्रेस के भी बहुत से विधायक उठ खडे हुए और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
सदन में हंगामा होता देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने प्रश्नकर्ता विधायक से कहा कि वे सीधे अपनी बात रखें। इस पर वर्मा ने कहा कि यातायात डीएसपी को हटाया जाए और भोपाल से एक वरिष्ठ अधिकारी को भेज कर मामले की जांच कराई जाए। उनके जवाब में मंत्री गौर ने विधायक से मामले को लिखित में देने को कहा, लेकिन भाजपा विधायक किसी भी जांच के पहले डीएसपी को हटाए जाने की अपनी मांग पर अड़े रहे।
उन्होंने डीएसपी को वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण मिले होने का भी आरोप लगाया। दोनों पक्षों की बात आ जाने के बाद भी हंगामे का दौर जारी रहा, जिसके चलते अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने सदन की कार्यवाही को पांच मिनट के लिए स्थगित कर दिया। पांच मिनट बाद प्रश्नकाल दोबारा शुरू हो सका।