भोपाल- मप्र उर्दू अकादमी की सचिव नुसरत मेहंदी का आरोप है कि ‘मंजर भोपाली ने भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा कि उर्दू अकादमी का भगवाकरण हो गया है और अकादमी की सचिव खाकी अंडरगारमेंट पहनने लगी हैं।’ हालांकि साहित्यकार और उर्दू अकादमी की सचिव नुसरत मेहंदी पर टिप्पणी से मंजर भोपाली ने इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जैसा नुसरत मेहंदी मुझ पर आरोप लगा रही हैं। अगर वो ये बात साबित कर देती हैं तो मैं उनसे माफी मांग लूंगा।
उल्लेखनीय है कि एक कार्यक्रम में मंजर भोपाली द्वारा उर्दू अकादमी के पदाधिकारी विशेषकर महिला पदाधिकारी नुसरत मेहदी पर आरएसएस का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाने वाली बात सामने आई थी। जिसके बाद नुसरत के समर्थन में भोपाल के कई साहित्यकार आ गए थे। इस मामले में उन्होंने मंजर भोपाली के खिलाफ महिला थाने और महिला आयोग में शिकायत भी दर्ज करवाई है।
मंजर के व्यक्तिगत आरोपों से आहत नुसरत मेंहदी ने कल महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि आज दोपहर वे चार गवाहों के साथ बयान दर्ज कराने महिला थाने आई हैं। उन्होंने कहा कि न तो उर्दू अकादमी का भगवाकरण हो सकता है और न कोई भ्रष्टाचार ही वहां हुआ है। मुझे जैसे ही एफआईआर की कॉपी मिलेगी मैं मंजर भोपाली के खिलाफ मानहानि का प्रकरण दर्ज कराऊंगी।
इस मामले में मंजर का कहना है कि मेंने तो उर्दू अकादमी में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत 2 मार्च को सीएम को पत्र लिख कर की है। वहां अब उर्दू के विकास के लिए कुछ नहीं हो रहा बल्कि अपनों को उपक्रत किया जा रहा है। नुसरत मेंहदी अकादमी की सचिव होते हुए भी अकादमी द्वारा संयोजित मुशायरों को पढ़ती हैं। ऐसा लगता है जैसे उर्दू अकादमी न हुई नुसरत मेंहदी प्राइवेट लिमिटेड हो गई। जहां तक व्यक्तिगत आरोप का सवाल है मेंने तो ऐसा कुछ कहा ही नहीं। नुसरत मेंहदी को जब अपने पर कार्रवाई का डर सताया तो उन्होंने अनर्गल बात कह दी। मैं क्यूं किसी पर खाकी आदि पहनने के आरोप लगाऊंगा।