मुंबई- सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुंबई में होटलों व रेस्टोरेंट्स में डांस बार को लाइसेंस जारी करने का रास्ता करते हुए कोर्ट ने डांस बार को लाइसेंस प्रदान करने के लिए पुलिस द्वारा लगाई गई शर्तो में संशोधन किए जाने के बाद यह आदेश दिया था जिसके मुताबिक डांस बार के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी नहीं होगा !
लेकिन महाराष्ट्र सरकार के कायदे कानून से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे डांस बार का भविष्य एक बार फिर लटक गया है क्योंकि, सरकार ने डांस बार लाइसेंस के लिए इतनी कड़ी शर्तें रखी हैं जिन्हें सुनने के बाद शायद ही कोई बार मालिक इसके लिए आगे आए। डांस बार कानून के नए बिल में नियमों का उल्लंघन होने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान पहले से कई गुना ज्यादा कर दिया गया है।
विधान परिषद में डांस बार कानून का बिल एकमत से पास हो गया है। अब सरकार इस बिल को विधानसभा में रखेगी। डांस बार कानून के मसौदे में ऐसी कड़ी शर्तें हैं जिनसे ना सिर्फ बार बालाओं की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि अश्लीलता पर भी अकुंश लगेगा।
क्या हैं बिल की प्रमुख शर्तें ?
बार बाला के मंच पर तीन फुट ऊंचा कटघरा बनाना होगा।
बार बाला और ग्राहक के बीच पांच फुट की दूरी जरूरी होगी।
डांस फ्लोर पर एक बार में सिर्फ चार बार बालाओं को ही इजाजत होगी।
बार बालाओं पर पैसे लुटाने या फिर उन्हें छूने की कोशिश करने पर 50 हजार का जुर्माना या 6 महीने की जेल या दोनों हो सकती है।
किसी भी ग्राहक को डांस फ्लोर पर जाने की इजाजत नहीं होगी।
डांस बार के गेट और डांस फ्लोर पर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा।
कोई भी बार बाला 21 साल से कम उम्र की नहीं होगी।
बार बालाओं का उत्पीड़न करने पर 10 लाख का जुर्माना या 3 साल की सजा या फिर दोनों।
किसी भी बार बाला को काम पर रखने से पहले बार मालिक को बार बालाओं के साथ एक बॉन्ड साइन करना होगा।
इस बॉन्ड में बार बालाओं की सैलरी, उनके पीएफ सहित अन्य सुविधाएं देनी होंगी।
डांस बार में काम करने वाली सभी बार बालाओं का रिकॉर्ड रखना होगा, बायोमीट्रिक सिस्टम के जरिए बार बालाओं की हाजिरी का रिकॉर्ड भी रखना होगा।
बार बालाओं की सुरक्षा के लिए महिला सिक्योरिटी गार्ड,महिला वेटर को भी नियुक्त करना होगा।
डांस बार के सीसीटीवी फुटेज को भी 30 दिन तक संभाल कर रखना होगा।
सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वो सैद्धांतिक तौर पर डांस बार शुरू होने देने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन चूंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश था तो सरकार ने कानून बनाने के अपने हक का इस्तेमाल करते हुए इतनी कड़ी शर्तें निर्धारित की हैं।
गृह राज्यमंत्री रंजीत पाटिल ने कहा कि बार बालाओं का शोषण रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। होटल और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि बार मालिक हमेशा से बार में काम करने वाली लड़कियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखते आए हैं।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार की इस शर्त पर बार मालिकों को सबसे ज्यादा एतराज था कि पुलिस कंट्रोल रूम में डांस बार की लाइव सीसीटीवी फुटेज देनी पड़ेगी। इसी को लेकर बार मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शराब और शबाब का संगम है डांस बार डांस बार का मतलब होता है ऐसा हॉल जहां तेज आवाज में बॉलीवुड गानों पर कुछ लड़कियां डांस करती हैं। ग्राहक उन लड़कियों पर नोट उड़ाते है और उनके साथ डांस करने से भी नहीं चूकते। इसके साथ ही कुछ डांसर्स ग्राहकों के गिलास में बीयर और शराब डालती रहती हैं। यानी शराब और शबाब का संगम होते हैं ये डांस बार।