बैतूल : मध्य प्रदेश में इन दिनों कुछ जिले जल संकट की चपेट में है । बैतूल जिले में आने वाले भीमपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत चूनालोमा के तीन गांव इन दिनों भीषण गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए तरस रहे है। पीने के पानी के लिए पर्याप्त साधन न होने के कारण उन्हें अब कुएं में नीचे उतरकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
भीमपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चूनालोमा के बेहड़ाढाना, भिलवाढाना और तोगाढाना में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है जलस्तर काफी नीचे चले जाने से हैण्डपंप सारे बंद है। ग्रामीण बेहड़ाढाना में स्थित एक पुराने कुएं से रतजगा कर कुएं में उतरकर लोटे से गुंडियों भरकर पानी खींचते है और एक गुंड पानी की कीमत क्या है।
कोई इन आदिवासियों से पूछे। ग्राम के गुन्ठू चौहान, कमलती पांसे, शेखलाल उईके धनकी बाई बताती है कि कुएं पर जाने के बाद वह गुंडी में रस्सी बांधकर कुएं में छोड़ती है फिर स्वयं लोटा लेकर कुएं में उतरते है और लोटे से गुंड भरकर पुन: कुएं से बाहर आकर उसे ऊपर खींचते है वह भी कीचडय़ुक्त मटमैला पानी पीकर बीमार हो रहे है।
महिलाएं पुरूष बच्चे सभी पानी बीमार हो रहे है। महिलाएं पुरूष बच्चे सभी पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर पानी भरते है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से कार्रवाई की मांग करते हुए पानी उपलब्धता की भी मांग की है । रिपोर्ट @अकील एहमद
जल संकट और पर्यावरण का गहरा सम्बन्ध है, लेकिन प्रदेश सरकार को शायद इसकी कोई चिंता नहीं है। मध्य प्रदेश खुशनुमा और हरियाली मौसम के लिये मशहूर रहा है लेकिन अब यह बीते कल की बात हो चुकी है। प्रदेश की पुरानी तासीर खत्म हो चुकी है। शायद पेड़ों और हरियाली को विकास के रास्ते का अवरोध मान लिया गया है तभी तो विगत कुछ दशकों के दौरान लगातार पेड़ कांटे गए हैं।