मुंबई- उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया जिसको लेकर केंद्र की भाजपा सरकार में सहयोगी शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा ! सामना संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि इस मामले में केंद्र सरकार का वस्त्रहरण तो हुआ ही राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई !
शिवसेना ने लेख में लिखा है कि उत्तराखंड मामले में कोर्ट का यह कहना है कि राष्ट्रपति से निर्णय में गलती हुई ! इसका मतलब ये है कि मोदी सरकार से गलती हुई ! सामना में लिखा है कि आखिरकार मोदी सरकार ने इस फैसले पर मुहर अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण ही लगाया था लेकिन अदालत ने ये कोशिश नाकाम कर दी !
गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था और हरीश रावत सरकार को विधानसभा में 29 अप्रैल को बहुमत साबित करने को कहा था ! इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता भी खत्म करने के स्पीकर के फैसले को सही कहा था !
बता दें कि हरीश रावत सरकार के अल्पमत में होने की दलील पर केंद्र सरकार ने राज्य में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगा दिया था !