मुंबई- महाराष्ट्र के मुंबई में डांस बार मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘सड़क पर भीख मांगने और दूसरे गलत तरीकों से पैसा कमाने से बेहतर है कि कोई महिला डांस बार में काम कर ले !’
जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की बेंच ने कहा की किसी न किसी बहाने से महाराष्ट्र सरकार डांस बार पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश न करे ! डांस बार में काम करके अगर कोई महिला पैसे कमाती है तो ये उसका संवैधानिक हक है !
महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि डांस बार के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कर एक हफ्ते में बार के लाइसेंस दें ! कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि स्कूल-कॉलेज से एक किलोमीटर के दायरे में डांस बार का लाइसेंस न दिए जाने की शर्त वो हटाए. इस पर सरकार ने कहा कि हम शर्तों में बदलाव करेंगे !
कोर्ट ने सवाल किया कि डांस बार के लिए अलग से स्वास्थ्य विभाग के एनओसी की क्या जरूरत है, जब होटल और रेस्टोरेंट के लिए लाइसेंस जारी हो चुका हों !
सरकार बार के लाइसेंस जारी कर रही है लेकिन डांस बार के लाइसेंस देने में कमियां निकाल रही है। सरकार ने बार और होटल के लिए फायर का NOC दिया लेकिन डांस के लिए कह रही है कि शर्तें पूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 10 मई को फिर जवाब देने को कहा है।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 115 डांस बार ने पुलिस के निरीक्षण के लिए आमंत्रण नहीं दिया। 39 डांस बारों के निरीक्षण में पाया गया कि उन्होंने 26 शर्तों का पालन नहीं किया है। 4 को लाइसेंस दिए गए लेकिन दोबारा जांच के दौरान पाया गया कि उन्हें गलत लाइसेंस जारी हुए, लाइसेंस वापस हुए और पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
मुंबई डांस बार मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम् सुनवाई के दौरान सोमवार को डीसीपी लाइसेंसिंग को कोर्ट में व्यतिगत तौर पर पेश होने के आदेश दिए गए थे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पहले जारी आदेश का पालन नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
कोर्ट ने डीसीपी लाइसेंसिंग को 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने को कहा था। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के पालन के लिए राज्य सरकार ने क्या किया इसे बताने के लिए महाराष्ट्र सरकार को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था।
वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर सवाल उठाया था कि उसके आदेश के पालन के लिए कितने प्रयास किए गए। कोर्ट ने डांस बार मालिकों को लाइसेंस देने के लिए सीमा तय की थी जिसका पालन राज्य सरकार ने नहीं किया। जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि भीख मांगने या अस्वीकार्य काम करने से स्टेज पर डांस करना अच्छा है। यहां उनका मतलब देह व्यापार से भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार एक हफ्ते में डांस बार के कर्मियों की पुलिस वैरिफिकेशन कर लाइसेंस जारी करे। होटल और बार के लिए पहले से ही स्वास्थ्य विभाग के NOC जारी हैं तो डांस के लिए अलग से क्या जरूरत है।