मुंबई : मुंबई की कोर्ट ने सोमवार को 2006 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी सभी नौ लोगों को बरी कर दिया । इस ब्लास्ट में 35 लोगों की मौत हो गई थी. एटीएस की जांच में आरोपियों को सिमी का सदस्य बताया गया था और जांच के मुताबिक इन लोगों ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद से ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था ।
मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी हुए नौ लोगों में से एक की मौत हो चुकी है, छह लोग बेल पर बाहर हैं और दो लोगों को मुंबई 7/11 ट्रेन धमाके में आरोप ठहराया जा चुका है ।
एटीएस की जांच के बाद यह केस सीबीआई को दिया गया था और सीबीआई ने भी एटीएस की जांच को सही ठहराया था. इस केस में नया मोड़ तब आया, जब साल 2011 में केस का चार्ज एनआईए ने लिया. जांच के बाद दक्षिणपंथी हिंदू संगठन अभिनव भारत के सदस्यों को आरोपी बताया गया. गौरतलब है कि इसी संगठन के सदस्यों को 2008 में हुए दूसरे मालेगांव ब्लास्ट का दोषी पाया गया था ।
उल्लेखनीय है कि 8 सितंबर 2006 में शबे-बारात के दिन एक मस्जिद के पास हुआ था बम धमाका, जिसमें 37 लोगों की मौत हो गई थी। इस बम धमाके के बाद राज्य कि एटीएस ने कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में 9 आरोपी हैं जिनमें से एक आरोपी की मौत हो चुकी है। इस मामले में 30 अक्टूबर को पहली गिरफ्तारी हुई थी।
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