नई दिल्ली- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार व 19 अन्य ने विश्वविद्यालय की एक उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा उन्हें दिए गए दंड के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू किया है।
कन्हैया कुमार, उमर खालिद व 18 अन्य ने बुधवार देर रात भूख हड़ताल शुरू करते हुए कहा कि वे यहां नौ फरवरी को हुए कार्यक्रम की उच्च स्तरीय जांच कमेटी के निष्कर्षो व सिफारिशों को खारिज करते हैं।
जेएनयू परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा, “शुरुआत से ही हम कहते आ रहे हैं कि हमें जांच कमेटी में जरा भी विश्वास नहीं है। जांच महज एक दिखावा था और हमें मिले दंड को हम स्वीकार नहीं करेंगे।”इससे पहले, बुधवार रात प्रदर्शनकारियों ने परिसर में गंगा ढाबा से प्रशासनिक ब्लॉक तक एक मार्च निकाला।
जेएनयू की पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने सोमवार को कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना, जबकि उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य तथा मुजीब गट्टो को निष्कासित कर दिया गया था।कमेटी का गठन 11 फरवरी को किया गया था, जिसने भट्टाचार्य को 15 जुलाई तक के लिए निष्कासित करने और 25 जुलाई से लेकर पांच साल तक विश्वविद्यालय परिसर में घुसने पर पाबंदी लगा दी।
वे 15-25 जुलाई के दौरान अपनी थीसिस जमा करा सकते हैं।विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर के एक आदेश के मुताबिक, भट्टाचार्य तथा खालिद को एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित किया गया है, जबकि गट्टो को दो सेमेस्टर के लिए निलंबित किया गया है। खालिद पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे 13 मई तक जमा कराना होगा।इसके अलावा, 10 अन्य छात्रों पर भी जुर्माना लगाया गया है, जिनमें से एक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का है, जिस पर परिसर में यातायात को अवरुद्ध करने को लेकर जुर्माना लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते नौ फरवरी को संसद पर हमला मामले में फांसी की सजा पाए अफजल गुरु की बरसी मनाने के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप सामने आया, जिसके बाद खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।