लंदन- सादिक खान मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होने वाले प्रथम मुसलमान नेता हैं। वह मानवाधिकार मामलों के वकील, सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। खान के पिता पाकिस्तान में बस चालक थे। पाकिस्तानी मूल के खान (45) को 57 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी जैक गोल्डस्मिथ को 43 प्रतिशत वोट मिले। खान को कुल 1,310,143 मत मिले, जो ब्रिटेन के इतिहास में किसी भी नेता को मिलने वाला सबसे बड़ा जनादेश है।
विरोधियों द्वारा उन्हें चरमपंथी बताने के दुष्प्रचार को शिकस्त देते हुए सादिक खान कहा, “उनकी इस जीत से पता चलता है कि लंदन के लोगों ने डर के बजाए उम्मीद और विभाजन के बजाए एकता को चुना है।”
समाचार पत्र ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जीत के साथ वह बोरिस जॉनसन और केन लीविंगस्टोन के बाद लंदन के तीसरे महापौर हैं।
सादिक खान की जीत को अपरिहार्य बताते हुए आलोचकों ने कंजरवेटिव पार्टी के चुनाव अभियान को बहुत ही मूर्खतापूर्ण बताया।
सादिक खान के प्रतिद्वंद्वी गोल्डस्मिथ की बहन जेमीमा (पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर एवं नेता इमरान खान की पूर्व पत्नी) ने ट्वीट कर कहा, “मुझे खेद है कि जैक के चुनावी अभियान में उनकी वह शख्यित निकलकर सामने नहीं आ पाई जिसे मैं जानती हूं।”
चुनाव अभियान के दौरान मुसलमान समूहों ने महापौर चुनाव का स्तर गिरने की शिकायत की थी। उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी पर गोल्डस्मिथ को जीताने के लिए जातीय तनाव फैलाने एवं उससे फायदा उठाने का आरोप लगाया था। [एजेंसी]