नई दिल्ली : अन्तर्राष्ट्रीय सतह पर हिंदुस्तानी मुसलमानों के शिक्षा के हवाले से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जो इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर और वर्टेक्स इवेंट के सौजन्य से कराया गया। जिसमें दुनिया भर की कई नामवर शख्सियात ने शिरकत की। इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक किरदार की हिफाज़त के लिए भारत सरकार से न्यायिक और निष्पक्ष कदम उठाने की अपील की गयी। अपने स्वागत भाषण में अल मक्का कल्चरल सेंटर के कनविनर मुरशिद कमाल ने कहा कि हिंदुस्तानी मुसलमान तालीमी मैदान में कई मुशकिलात का सामना कर रहे हैं और मुसलमानों को इससे निजात दिलाना जरूरी है। ताकि उनको आगे तालीम के लिए मुशकिलात न हों।
मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के वाइस चाँसलर जनाब जफर सरेशवाला ने कहा कि हम तमाम तर पार्टियों को सरकार बनाने में अपनी ताक त लगा देते हैं, अगर यही ताकत हम तालीम हासिल करने में लगाएं तो बेहतर है। बतौर मुख्य अतिथि जनवाब अब्दुल करीम चेयर हयूमन डेवलपमेंट अथार्टी ने एक मकाला पेश करते हुए तालीम पर जोर दिया।
सम्मानित अतिथि के तौर पर अलगरीद ग्रुप के चेयरमैन ईसा अल गरीद ने कहा कि मुसलमान होने के हैसियत से हर मुसलमान मर्द-औरत पर तालीम फर्ज़ है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर ब्रिगेडियर सैय्यद अहमद अली ने भी मुसलमानों से तालीम हासिल करने के लिए ज़ोर दिया।
डाक्टर नदीम तरीन ने कहा कि हम अपनी कमाई का अगर एक हिसाब तालीमी मेयार के लिए चार्च करे तो यकीनन हम तालीमी फिकदान को दूर कर सकेंगे। बिसवास सऊदी अरब के जनरल सेक्रेटरी अख्तरूल इस्लाम साहब ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी पर सवाल करते हुए जनाब जफर सुरेशवाला से अपील की कि वह प्रधानमंत्री से इस सिलसिले में बात करें और सही कदम उठाने की अपील करें।
इंडियन बिज़न्स कौंसिल के चेयरमैन बुलवंत सिंह ने कहा कि हम सरकार के भरोसे पर कोई मंजिल तय नहीं कर सकते। मुसलमानों को इस हालात के लिए खुद मेहनत करनी होगी। इस मौके पर नदीम जैदी ने मुसलमानों को तालीम के लिए जोर दिया।
जनाब पुशिकन आगा साहब ने कहा कि अगर तालीम होगी तो हम कोई भी मरहलें को तय कर सकते हैं। जनवाब शारिक बर्नी ने भी मुसलमानों को तालीम हासिल करने पर जोर दिया। आखिर में मीडिया रिसर्च एकेडमी के महासचिव तारिक फैज़ी ने कहा कि मुसलमानों का रूझान तालीम की तरफ ज्यादा होना चाहिए।