मंडला : कुदरत के निज़ाम के सामने अच्छे अच्छे सूरमा और तीस मार खां भी ढेर हो जाते है। यदि आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा हो तो मुन्ना की कहानी जरुरु पढ़िए। वो मुन्ना जिसे देखकर जंगल भी ख़ामोश हो जाते, जब वो चलता तो जंगली जानवर रास्ता बदल देते। वो मुन्ना किसकी दहाड़ के सामने अच्छे – अच्छो की धड़कने रुक जाती। वो मुन्ना जिसके नाम की गूंज विदेशों में भी है। वो मुन्ना जो अपनी पहचान अपने माथे पर लिखा घूमता है। हम बात कर रहे है कान्हा टाइगर रिज़र्व के मशहूर टाइगर मुन्ना की जो अब बुढ़ापे में गर्दिश के दौर से गुजर रहा है।
कहा जाता है कि एक टाइगर की जवानी जितनी शानदार होती है उसका बुढ़ापा उतना ही तकलीफदेय। कभी जिस मुन्ना की दहाड़ से पूरा जंगल खाली हो जाया करता था आज वह मुन्ना दूसरे के टुकड़ों पर जीने को मजबूर है। एक जमाना था जब मुन्ना को देखकर जंगली जानवर अपने रास्ते बदल देते थे लेकिन अब ऐसा वक्त आ गया है कि खुद को बचाने दबंग मुन्ना जंगलों में छिपा छिपा फिर रहा है। दुनिया भर में मशहूर कान्हा नेशनल पार्क में मुन्ना नामक टाईगर की जिसने कान्हा में पिछले दस सालों में काफी शोहरत और नाम कमाया। स्वभाव से दबंग, बेजोड़ बनावट और शानदार चाल ढाल और अपने अलग अंदाज़ की वजह से मुन्ना ने देशी सहित विदेशी सैलानियों के दिलों में एक अलग जगह बनायी है। हैरत की बात यह है कि मुन्ना के माथे में कुदरती रूप से इंग्लिश का CAT शब्द लिखा हुआ है जिसे बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। मुन्ना के माथे पर कुदरती CAT लिखा होना पार्क के अधिकारीयों को भी हैरान करता है और शायद यही वजह है कि CAT लिखे मुन्ना की कान्हा में अलग पहचान है।
दस सालों तक कान्हा के जंगलों में अपनी हुकूमत चलाने वाला दबंग मुन्ना अब उम्रदराज़ हो चला है। कभी कान्हा नेशनल पार्क के जंगलों में राजा के अंदाज़ में जीने वाला मुन्ना इतना शिकस्त हो गया है कि शिकार के लिये दूसरे जानवरों पर निर्भर है। कान्हा टाइगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर जसबीर सिंह चौहान बताते है कि मुन्ना ने अपना प्राइम टाइम कान्हा में बिताया है। जंगल के नियम के मुताबिक किसी अन्य वयस्क नर बाघ ने उसकी सल्तनत छीन ली और उसे खदेड़ दिया। अब मुन्ना सर्ही के तरफ नज़र आता है। मुन्ना अभी घायल अवस्था में सुरक्षित जगह पर चला गया है। पार्क प्रबंधन ने उसे दो बार उपचार भी दिया है। प्रबंधन को उम्मीद है कि जल्द स्वस्थ होगा। बताया जाता है कि एक टाईगर की औसत आयु 12 से 13 वर्ष होती है और मुन्ना की उम्र 14 वर्ष से ज्यादा हो गयी है जिसके चलते मुन्ना में पहले जैसे ताकत और फुर्ती नही रही साथ ही उसके दांत और और दाढ़ घिस गए हैं। यही वजह है कि वह शिकार करने लायक नही रह गया है। पार्क अधिकारी की मानें तो आज भी देशी और विदेशी सैलानी मुन्ना को देखने लालायित रहते हैं यूँ कहें तो मुन्ना के साथ सैलानियों एवं पार्क प्रबंधन के अधिकारी और कर्मचारियों भावनात्मक रिश्ता जुड़ गया है।
रिपोर्ट : जावेद अली