देवास- नगर निगम नेता सत्तापक्ष के खिलाफ अपहरण व शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज होने के बाद गुस्र्वार को एसपी से मिलने पहुंचे सांसद मनोहर ऊंटवाल को पुलिस लाइन के नए जवानों ने नहीं पहचाना। इससे बीजेपी नेता नाराज हो गए और जमकर धक्कामुक्की हुई और हाथापाई की नौबत आ गई। बाद में एएसपी ने जैसे-तैसे नेताओं को शांत किया और एसपी के कक्ष में ले गए। सांसद व भाजपा नेताओं ने मामले की निष्पक्ष जांच करने के बाद ही कार्रवाई की मांग की। एसपी ने उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
सांसद मनोहर ऊंटवाल, विधायक राजेंद्र वर्मा, महापौर सुभाष शर्मा, निगम अध्यक्ष अंसार अहमद, पूर्व जिलाध्यक्ष बहादुर मुकाती, सीनियर मंडल अध्यक्ष दिलीप आवटे, जूनियर मंडल अध्यक्ष ओम जोशी, दुर्गेश अग्रवाल, विजय पंडित, वरिष्ठ पार्षद दिलीप बांगर, राजेश यादव, रवि जैन सहित भाजपा पार्षद व कार्यकर्ता सुबह करीब 11.30 बजे नगर निगम में एकत्रित हुए। यहां से सभी पैदल एसपी ऑफिस पहुंचे।
जैसे ही सभी एसपी ऑफिस के गेट पर पहुंचे और अंदर जाने लगे तो पुलिस लाइन के आए नए जवानों सख्ती से सभी को गेट पर ही रोक लिया। सांसद को नहीं पहचानने से बीजेपी नेता आक्रोशित हो गए और सभी पुलिसकर्मियों को धकेलते हुए अंदर घुस गए। पुलिसकर्मियों ने भी उन्हें धक्का देकर पीछे करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके।
इस दौरान सांसद भी आक्रोशित हो गए। पूर्व जिलाध्यक्ष बहादुर मुकाती पुलिसकर्मियों पर जमकर भड़के। उनकी नाहर दरवाजा थाना प्रभारी आरआर गौतम से बहस हुई। पुलिसकर्मियों ने जैसे-तैसे उन्हें खिंचकर बाहर करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद कार्यकर्ताओं का हुजूम अंदर आ गया। कुछ देर के लिए हाथपाई की स्थिति भी बनी।
विधायक राजेंद्र वर्मा ने भी पुलिसकर्मियों को जमकर खरीखोटी सुनाई। एसआई गौतम व रमेश मालवीय ने जैसे-तैसे सभी नेताओं को शांत करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। तब एएसपी राजेश रघुवंशी पहुंचे और सभी नेताओं से चर्चा की। इसके बाद सांसद सहित प्रमुख नेताओं को वो एसपी के कक्ष में लेकर गए।
थोड़ा प्रोटोकॉल का अंदाजा रखो
सांसद ने गुस्से में पुलिसकर्मियों को जमकर खरीखोटी सुनाई। कहा हम एसपी को ज्ञापन देने आए हैं। इस तरह धक्के दे रहे हो। थोड़ा प्रोटोकॉल का अंदाजा रखो। इर तरह का व्यवहार करना चाहिए क्या। विधायक राजेंद्र वर्मा भी नाराज हुए और कहा जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए क्या। यह सरकारी ऑफिस है और यहां हर आदमी आ सकता है। इस पर एएसपी राजेश रघुवंशी ने दोनों को शांत किया और कहा आपका स्वागत है। इसके बाद सभी को एसपी के कक्ष में ले गए।
हमारी प्रतिष्ठा धूमिल हुई, सक्षम अधिकारी से कराएं जांच
सभी जनप्रतिनिधियों के एसपी के कक्ष में पहुंचने के बाद एसपी शशिकांत शुक्ला अंदर पहुंचे। सांसद ने कहा सत्ता पक्ष के नेता के खिलाफ जो प्रकरण दर्ज किया गया वह गलत है। विविकं के अफसर पिपलोदिया जहां रहे वहां उन्होंने विवाद किए हैं। उनका रिकॉर्ड देखें। एक जिम्मेदार व तीन बार का पार्षद क्या किसी को कट्टा अड़ाएगा। विधायक राजेंद्र वर्मा ने कहा जिला योजना समिति में पूर्व में 4 बार कनिष्ठ यंत्री पिपलोदिया के निलंबन का प्रस्ताव हुआ था।
जांच के बाद पुलिस को केस दर्ज करना था। इस पर सांसद ने कहा कि इस घटना से हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। सीएम साहब से भी फोन पर सुबह बात हुई है। वह भी इस घटना से नाराज हैं। इसलिए हमारी मांग है कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और इसके लिए एक सक्षम अधिकारी नियुक्त किया जाए। साथ ही जब तक जांच पूरी न हो पार्षद की गिरफ्तारी न हो।
अपराध दर्ज हुआ है, जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
एसपी शशिकांत शुक्ला ने सभी की बात सुनी और फिर कहा कि हमने अभी आवेदन पर प्रकरण दर्ज किया है। पहले सभी बिंदुओं पर जांच की जाएगी इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। इसके बाद सभी वहां से वापस नगर निगम के लिए रवाना हुए।
टीआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग
चर्चा के दौरान ही नगर निगम भाजपा पार्षद दल के सचेतक विनय सांगते की ओर से एसपी को ज्ञापन भी सौंपा गया। इसमें प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने, रहवासियों के बयान लेने, प्रकरण खारिज करने व बिना जांच के प्रकरण दर्ज करने पर सिविल लाइन थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई।