अमेठी- यूँ तो उत्तर प्रदेश में आये दिन पुलिस के नये नये कारनामे सामने आते है लेकिन सूबे के वी वी आई पी जनपद अमेठी में मित्र पुलिस की जो संवेदनहीन करतूत सामने आयी है वो बेहद शर्मनाक है ।
कोतवाली मुसाफिरखाना के अन्तर्गत करपिया निवासी नारेन्द्र सिंह उम्र लगभग(25 वर्ष) विगत एक हप्ते पहले बैंक से कर्ज लेकर एक टेम्पू खरीद परिवार को सहारा देने की कोशिश की , लेकिन टेम्पू द्वारा एक रसूखदार व्यक्ति की कार में छोटी से खरोच आ जाने पर पुलिस ने वह कर डाला जो उसे नही करना चाहिए था। पुलिस ने एक पक्षीय कारवाही करते हुये टेम्पू को कब्जे में लेकर चौकी में बंद क़र दिया । पुलिस कर्मियो ने नरेंद्र से 10 हजार रुपये वाहन छोड़ने के नाम पर तत्काल ले लिया और 25 हजार रुपय देने के लिए उस पर दबाव बना रहे थे। नरेंद्र ने पुलिस को 10 हजार रुपये अपनी पत्नी के जेवरात गिरवी रखकर दे दिये ।
घर वालों के अनुसार रात में पुलिस ने उसे मारने पीटने के बाद देर रात इस शर्त पर घर जाने की अनुमति दि सुबह तुम शेष बचे 25 हजार रुपये लेकर चौकी आओगे । अगले दिन सुबह होते ही पुलिस वालो का फ़ोन नरेन्द्र के पास आने लगे और फर्जी मुक़दमे में फसाने की धमकी दी जाने लगी। जिससे डरकर नरेंद्र ने घर में फाँसी लगाकर आत्म हत्या क़र ली ।
पुलिस की कार्यशैली से नाराज परिजनों व् ग्रामीणों ने शव को घर से बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू क़र दिया मामले को बढ़ता देख आनन् फानन में पुलिस अधीक्षक अमेठी ने मुसाफिरखाना सीओ को मामले की जाँच के आदेश दिए ।
जाँच के बाद क्या कार्यवाही होगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन नरेंद्र के बृद्ध माँ बाप ,एक वर्षीय बेटे और गर्भवती पत्नी के सहारे की लाठी को संवेदनहीनपुलिस की बेरहम कुल्हाड़ी ने काट डाला जो खाकी की कार्यशैली पर ढेरो सवाल खड़ा करती हैँ !
अखिलेश सरकार द्वारा जनता के बीच में पुलिस की छवि एक मित्र और रक्षक के रूप बनाने की हिदायत को प्रदेश पुलिस ताक़ पर क्यों रख देती आज भी यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है ।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा