मंडला- मंडला जिला मुख्यालय में शहर के बीचों बीच रहवासी इलाके में तेंदुए की मौजूदगी की खबर से अफरातफरी मची हुई है। दहशत के चलते ईदगाह कालोनी के रहवासी एकजुट होकर पूरी रात गलियों में गश्त करते रहे। तो वहीँ महिलाएं और बच्चे घर की छत पर रात काटते नजर आये। सूचना के बाद भी देर से आये वनकर्मियों को लोगों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा।
गौरतलब है कि 12 जून की रात इसी इलाके में तेंदुए ने चार बकरियों का शिकार किया था लेकिन वनविभाग ने इस घटना को गंभीरता से नही लिया। पग मार्क का परीक्षण और लोगों को सतर्क रहने की सलाह देकर वनविभाग ने अपनी औपचारिकता पूरी कर ली थी। तेंदुए को पकड़ने के लिये कोई अभियान चलाना तो दूर उलटा वनविभाग के अधिकारी तेंदुए नहीं होने का दावा कर रहे हैं जबकि स्थानीय नागरिक तेंदुए को देखने की पुष्टि कर रहे है।
वनविभाग के अधिकारी की मानें तो जिस वन्य प्राणी ने एक झटके में चार बकरियों का शिकार किया है वो तेंदुआ नहीं लकड़बग्घा है जबकि मोहल्ले के कई लोगों ने तेंदुए को अपनी आँखों से देखा है। वनविभाग के लापरवाह रवैये को लेकर मोहल्ले वासियों में आक्रोश है पिछले तीन दिनों से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।
वार्ड पार्षद शहीद अली व स्थानीय नागरिक अनवर अली सहित अन्य लोगों का दावा है कि एक दिन पहले तेंदुए को कई लोगों ने कब्रिस्तान के सामने देखा। पिछली रात कब्र खोद रहे लोगों ने भी कब्रिस्तान में तेंदुए को देखने की बात कही। माना जा रहा है कि भीषण गर्मी और पेयजल संकट के चलते शायद ये तेंदुआ पानी की तलाश में भटककर कब्रिस्तान व ईदगाह इलाके में आ गया है। बावजूद इसके वन विभाग रेंज ऑफिसर पीसी शर्मा द्वारा तेंदुए होने से इंकार करना और जो हिंसक पशु वो बता रहे है, उसे भी पकड़ने कोई कोशिश न करने से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली