माह – ऐ – रमजान शरीफ का मुक़द्दस महीना सबसे बड़ी इबादत व नियामत वाला महीना है | इस मुबारक महीने में रोजेदारो के लिए दो ख़ुशी सबसे बड़ी होती है | एक तो ख़ुशी इफ्तार की और दूसरा अपने रब से मुलाक़ात की |
नबी – ऐ – करीम सल्ललाहो अलहेवसल्लम ने फ़रमाया है कि जो भी सख्श इस मुबारक रमजान शरीफ में रोजा रखता है और अल्लाह की इबादत करता है तो वह रोजेदार अल्लाह पाक के काफी करीब पहुच जाता है | रमजान की रहमत सारी रहमतो से अफजल है |
यह महीना सिर्फ नसीब वालो को ही हासिल होती है | हदीस में फ़रमाया गया है कि इस मुक़द्दस महीने में एक नफिल नमाज की फजीलत फर्ज नमाज के बराबर होती है | जब एक फर्ज का सवाब 70 फर्ज के बराबर मिलता है | इस महीने में नेकियो का बेहिसाब सवाब है |
यह महीना गुनाहों से माफ़ी का महीना भी है | रोजेदार अगर अल्लाह के सामने आंसू बहाता है और रोता है तो उसकी मुश्किले हर हाल में दूर हो जाती है | रोजेदारो से अल्लाह ने ऐसा वायदा किया है कि इस मुकदास महीने में मोमिनो को चाहिए की रोजे का एहतेराम कर ज्यादा से ज्यादा कुरआन पाक की तिलावत करे | अल्लाह पाक ने इस महीने में अपने बन्दों को ख़ुशी देने का वायदा भी किया है
रिपोर्ट: @सरवरे आलम