लंदन- यूरोपीय यूनियन (ईयू) के खिलाफ सफल मुहिम चलाने वाले नाइजल फेराज ने ‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में वोटिंग के लिए ब्रिटेन के लोगों का शुक्रिया अदा किया है। इस मामले में जैसे ही ब्रिटेन में ‘लीव’ वोट को बढ़त पर जैसे ही दिखाया गया, नाइजल में ट्वीट पर लिखा, ‘अब मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि स्वतंत्र यूनाइटेड किंगडम का सपना पूरा होने जा रहा है।’
बाद में अपने समर्थकों से चर्चा करते हुए नाइजल ने कहा, ‘यदि अनुमान सही हैं तो यह वास्तविक लोगों, आम लोगों और सभ्य लोगों की जीत होगी।’ ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘लीव कैंप को करीब 17 मिलियन वोट हासिल हुए।
‘लीव ईयू’ कैंपेन चलाने वाली पार्टी में उन्होंने लोगों के जश्न के बीच कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह जीत इस नाकाम प्रोजेक्ट को धराशायी कर देगी और हमें संप्रभु राष्ट्र के रूप में यूरोप की ओर ले जाएगा।’ अब हमें (ईयू के) झंडे, राष्ट्रगान, ब्रसेल्स और उस सब से छुटकारा पा लेना चाहिए जो गलत साबित हुए….अब 23 जून को इतिहास में हमारे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘हमने बहुत से देशों से लड़ाई लड़ी है, हमने बड़े व्यवसायी बैंकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। हमने बड़ी नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया है।’ हमने झूठ, भ्रष्टाचार और छल के खिलाफ जंग लड़ी है और मैं सोचता हूं कि आज ईमानदारी, शालीनता और विश्वास की जीत हुई है। हमने यह सब बिना लड़ाई (शारीरिक) और एक भी गोली चले बिना हासिल किया है। हमने जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत के जरिये इसे अंजाम दिया है।
बता दें कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने या इसकी सदस्यता से बाहर निकलने को लेकर गुरुवार को कराए गए जनमत संग्रह में करीब 52 फीसदी मतदान ‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में हुआ है, जबकि 48 प्रतिशत वोट ‘ब्रिमेन’ के लिए पड़े हैं। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन ने इस जनमत संग्रह के जरिये 43 वर्षो बाद ईयू की सदस्यता से हटने के पक्ष में वोट किया है।
‘रीमेन’ अभियान के पक्ष में 15,692,092 वोट पड़े, जबकि ‘लीव’ के पक्ष में इससे 6,835,512 अधिक वोट पड़े। बीबीसी ने भारतीय समयानुसार सुबह 9.40 बजे ‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में वोट पड़ने का अनुमान जताया था। धुर दक्षिणपंथी यूके इंडीपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) के नेता नीगेल फेरेज ने बहुत पहले ही जीत की घोषणा करते हुए कहा था, यह सपना देखने की हिम्मत दिखाइए कि स्वतंत्र ब्रिटेन में सूर्योदय हो रहा है, 23 जून हमारा स्वतंत्रता दिवस होगा।
इस मतदान का फैसला वर्ष 1975 में हुए उस जनादेश को उलट रहा है, जिसमें ब्रिटेन ने यूरोपियन इकोनॉमिक कम्यूनिटी का सदस्य बने रहने के लिए मतदान किया था। यह समूह बाद में यूरोपीय संघ बन गया था। इस जनमत संग्रह का परिणाम ब्रिटेन की सरकार के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी तो नहीं है लेकिन डेविड कैमरन ने बार-बार यही वादा किया है कि जनता की इच्छा को स्वीकार किया जाएगा। [एजेंसी]