नाशिक- महिलाओ को आपने पैरो मे खड़े हो कर समाज मे समान पूर्व जीवन जीने की पहल से नाशिक की अश्वनी बोरस्ते ने कुछ महिलाओ के साथ मिलकर एक स्व-सहायता समूह बनाया।
जिससे गरीब और समाज से शोषित तपके की महिलाओ को पढ़ाई लिखाई और आर्थिक रुप से मजबूत कर समाज मे उनको उचित सम्मान मिल सके।
नाशिक के ओझर के एच एल सोसायटी एजूकेशन से अपनी पढ़ाई पूरी कर नाशिक से स्व-सहायता मे PHD करने वाली अश्वनी बोरस्ते ने महिलाओ को आर्थिक रुप से मजबूत करने का सपना लिये हुये गोविंद नगर मे कार्य करना शुरू किया।
उन्हें समय कई मुश्किलो एवं तकलीफों का समना करना पड़ा, आदिवासी विधवा परित्यागता महिलाओ का एक समूह बनाकर सन 2004 मे 10 महिलाओ से शुरू स्व-सहायता समूह बनाकर महिलाओ को आर्थिक रुप से मदद करने लगी और फिर इस समूह से कई अन्य महिलाएँ और समाजिक संगठन भी सहयोग के लिये आगे आने लगा।
जिससे कई छात्रों को कापी किताब और स्कूल की फीस कई लड़कियों की शादी जिन महिलाओ के पास रहने के लिये घर नही था। उन्हे घर के लिये मदद दिलाना, कई महिलाओ का समूह बना कर लघु उद्योग कर रही और पापड़ अचार जैसे कई उत्पादन कर आज महिलाएँ स्यमं बाज़ारों मे बेच रही है।
महिलाओ ने मिलकर आज नाशिक मे एक महिला बैक की भी शुरुआत भी की है। जिससे महिलाओ को बचत की आदत डाल कर कमजोर महिलाओ को पढाई रोजगार व घरेलू वस्तुओं के लिये आसानी से सहायता कर सके।
इस कार्य के लिये अश्वनी बोरस्ते को कई राष्टीय और राज्य स्तरीय पुरुस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है। इस बचत गट की कई महिलाएँ जब महाराष्ट्र के बाहर आपने विचार रखने के लिये आमंत्रित किया गया।
तब उनके सामने भाषा की समस्या आई लेकिन अश्वनी बोरस्ते ने एक महिने की कड़ी मेहनत कर उन्हे हिन्दी और अंग्रेजी भाषा मे आपने विचार रखने मे परिपक्य कर दी। और कई महिलाओ को दिल्ली मे महाराष्ट्र और नाशिक का प्रतिनिधत्व करने का अवसर मिला।
रिपोर्ट:- @संदीप द्विवेदी