मंडला – आज की युवा पीढ़ी ख़ास तौर स्कूल – कॉलेज के छात्रों पर सेल्फी के लिए इतनी दीवानगी है कि वो इसके लिए कोई भी जोखिम लेने से भी परहेज नहीं करते। सेल्फी की इसी सनक ने लोगों को जान जोखिम में डालने को किस कदर मजबूर कर दिया है इसकी बानगी देखने को मिली आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले के पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में।
मंडला जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर उफनती नर्मदा नदी के किनारे और लहरों के बीच लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सेल्फी और फोटोग्राफी का लुत्फ उठा रहे हैं जो किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकती है। यह जानते हुए कि उफनती नदी की एक लहर ही लोगों की जान जोखिम में डालने के लिए काफी है बावजूद इसके लोग व्हाट्सप्प की डीपी और फेसबुक की एक अदद प्रोफाइल पिक के लिए लोग दीवानों की तरह सेल्फी लेने और फोटो खिंचवाने में मशगूल है।
जिला मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश होने के चलते नर्मदा सहित अन्य नदी नाले उफान पर हैं। ऊपरी इलाकों के बारिश होने से नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है। गत दिनों मोहगांव के बूढ़नेर नदी का अचानक जलस्तर बढ़ने से रेत उत्खनन कार्य में लगे पांच वाहन नदी में डूब गये थे। नर्मदा नदी का जलस्तर भी तेजी से लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन हादसों की परवाह किये बिना लोग सेल्फी और फोटो खिंचवाने अपनी जान से खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं। तस्वीरें देखकर आप खुद हैरान हो जायेंगे कि लोग सेल्फी के लिये किस तरह अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
ऐसे नज़ारे मंडला के सभी नर्मदा तटों और उसके आसपास देखने को मिल जाते है। सहस्त्रधारा में सेल्फी लेने लोगों का हुजूम लगा हुआ है। खास बात तो यह है कि हाईकोर्ट के न्यायधीश भी अपने परिवार के साथ सेल्फी का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं।
हैरत की बात तो यह है कि इस पर्यटन स्थल में उफनती नर्मदा में कोई अनहोनी रोकने प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा मौजूद नहीं है। गौरतलब है कि रीवा जिले के पूर्वा फॉल में कल ही सेल्फी लेने गये पांच युवक अचानक जलस्तर बढ़ने के चलते बह गये हैं। पिछले कुछ दिनों में अन्य पर्यटन स्थलों में भी इसी सेल्फी के चक़्कर में और लोगों अपनी जान से हाथ धोना पड़ा लेकिन मंडला का जिला प्रशासन हादसों से सबक लेते नजर नहीं आ रहा है,शायद प्रशासन को किसी हादसे का इंतज़ार है।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली