अमेठी- यूपी की समाजवादी सरकार भले ही तमाम तरह की योजनाये लाकर शिक्षा को पुख्ता बनाने की कवायद कर रही है लेकिन वी वी आई पी जनपद अमेठी में सच इसके उलट है यहाँ सरकारी स्कूलो के परिसर से सटकर निजी स्कूल तो चल ही रहा है साथ ही परिसर के नजदीक मुर्गीफार्म खोलकर परिसर को दुर्गन्ध,संक्रमण और गंदगी युक्त बनाया जा रहा है।
आलम यह है कि जिन स्कूलो को कमजोर तबके के बच्चों के लिए ‘शिक्षा का मंदिर’कहा जाता था वह आज मुर्गीफार्म मालिको और निजी स्कूल चालको के लिए माकूल जगह नजर आ रही है । प्राथमिक शिक्षा ही किसी व्यक्ति के जीवन की वह नींव होती है जिससे उसके सम्पूर्ण जीवन का भविष्य तय होता है।
वही मुसाफिरखाना विकाशखण्ड के पलिया सरैया के प्राथमिक विद्यालय के परिसर के नजदीक मुर्गीफार्म होने से पूरे स्कूल में गन्दगी की दुर्गन्ध व् संक्रमण कारण पढ़ाई कर पाना मुश्क़िल हो रहा है और बच्चे हमेशा नाक दबाये ही बैठे रहते है एक शिक्षक ने बताया कि मरे हुए चूजो से खतरनाक दुर्गन्ध के कारण बच्चों को उल्टिया होने लगती है और मरे हुए चूजो को खाने के लिए आवारा कुत्ते और जंगली जानवर अक्सर प्रांगण में आ जाते है जिसके कारण हम लोगो जान हमेशा साँसत में रहती है।
जिसको लेकर हम लोगो ने सम्बंधित अधिकारिओ से शिकायत की लेकिन नतीजा आसमानी रहा दूसरी तरफ प्रशासन के लचर रवैया के चलते स्कूल के लगभग 200 मीटर पर निजी स्कूल के खुलने से बच्चों की संख्या बिगत वर्ष से काफी कम हो गयी है ।
प्राथमिक शिक्षा की गिरती साख का ही परिणाम है कि शिक्षा का निजी करण हो रहा है और ग्रमीण क्षेत्रो के जो असहाय एवं वंचित गरीब वर्ग इससे बेदखल होने को मजबूर है बहरहाल आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सिसकती सरकारी शिक्षा की दुर्दशा सुधारने के लिए मुख्य रूप देश की सबसे बड़ी शक्ति माननीय अदालत को ही आगे आना पड़ेगा।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा