भोपाल- सीबीआई ने भोपाल और रीवा के 21 स्थानों पर आज सुबह एक साथ छापा मारा। छापे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल टीचर्स ट्रैनिंग रिचर्स (एनआईटीटीटीआर) के पूर्व और वर्तमान में पदस्थ कई अफसरों के घरों पर डाले गए हैं। वहीं श्यामला हिल्स स्थित एनआईटीटीटीआर के दफ्तर पर भी सीबीआई ने छापा डाला है।
क्या हैं आरोप?
– माना जा रहा है कि ये करीब 40 करोड़ रुपए का यह घोटाला है। इसमें 34 करोड़ रुपए का पेमेंट किया जा चुका है।
– आरोप है कि अग्रवाल ने केंद्रीय पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (CPWD) के अप्रूव्ड रेट से करीब 900 फीसदी ज्यादा रेट पर कॉन्ट्रेक्ट दिए।
– घोटाले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड्स अब सीबीआई खंगाल रही है।
– फिलहाल, अग्रवाल रीवा की एक यूनिवर्सिटी में कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एचओडी हैं।
इनके यहां भी छापे
– वर्क डिपार्टमेंट के हेड जेपी टेंगर, राजेश दीक्षित के अलावा कुछ और अफसरों और ठेकेदारों के यहां सीबीआई ने रेड की है।
प्राप्त जानकारी अनुसार सीबीआई भोपाल यूनिट ने पूर्व डायरेक्टर विजय अग्रवाल, जेपी सहगल के घरों पर भी छापे डाले। भोपाल में 20 स्थानों पर छापे डाले गए हैं। जबकि रीवा में विजय अग्रवाल के घर पर छापा डाला गया है। अग्रवाल रीवा के रहने वाले हैं।
सीबीआई में शिकायत हुई थी कि अग्रवाल ने डायरेक्टर रहते हुए वर्ष 2009 से 2013 के बीच एनआईटीटीटीआर में 34 करोड़ रुपए का निर्माण कार्य करवाया था। इन निर्माण कार्यों के टेंडर नहीं किए गए और अपनी मर्जी से ठेकेदार को काम दे दिया। इस काम को लेकर शिकायत हुई। जांच में करीब 28 करोड़ रुपए का हिसाब तो मिल गया, लेकिन 6 करोड़ के भुगतान का हिसाब नहीं मिला। इन 6 करोड़ रुपए के हिसाब के दस्तावेज तलाशने के लिए सीबीआई ने आज एक साथ छापे डाले हैं। इस मामले में सीबीआई ने अपनी जांच में करीब 30 लोगों के बयान दर्ज किए थे।
अर्जुन सिंह के करीबी रहे हैं अग्रवाल
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने विजय कुमार अग्रवाल को यहां का डायरेक्टर बनाया था। अग्रवाल उस वक्त रीवा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर थे। उन्हें प्रतिनियुक्ति पर 2008 में पदस्थ किया गया था। इसी दौरान निर्माण कार्यो के लिए केंद्र से 50 करोड़ के लगभग का बजट आया था। इस बजट में से ही यह घोटाला उजागर हुआ है। घोटाले की जांच शुरू होने के बाद अचानक निर्माण कार्य रोक दिया गया। इसके चलते अभी भी यहां का कुछ निर्माण अब भी अधूरा है। अर्जुन सिंह के बाद कपिल सिब्बल ने इस मानव संसाधन विकास मंत्रायल का कामकाज संभाला था। उन्होंने भी अग्रवाल की पदस्थापना बरकरार रखी थी।
भोपाल में यहां हुई कार्रवाई
श्यामला हिल्स स्थित एनआईटीटीटीआर के दफ्तर में पड़ताल करते सीबीआई अफसर। यहां के अलावा पूर्व प्रोफेसर जेपी सहगल, राजेश दीक्षित एनआईटीटीटीआर के अकाउंट अफसर डीपी तिवारी, आरएन मिश्रा, विक्रय अधिकारी सीके चौहान, केपी कंस्ट्रक्शन, मेसर्स कामदगिरी, मेसर्स साहू इंटरप्राइजेज, मेसर्स जनकपुर कंस्ट्रक्शन, कैलादेवी एंड संस कंपनी पर छापे डाले।
100 से ज्यादा अफसर जुटे
छापों के लिए सीबीआई के 100 से ज्यादा अफसरों की टीम बनाई गई है। छापा डालने के लिए भोपाल यूनिट के अलावा जबलपुर और भिलाई यूनिट की भी मदद ली गई है। इन तीनों यूनिट के करीब 100 अफसर और कर्मचारियों को अलग-अलग ठिकानों पर छापा डालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीबीआई इन स्थानों पर करीब चालीस गाड़ियों से पहुंची हैं।
डेढ़ घंटे बाहर खड़ी रही टीम
सीबीआई की टीम सुबह करीब आठ बजे एनआईटीटीटीआर के दफ्तर पहुंची। सीबीआई ने पहुंचते ही यहां के अफसरों को दफ्तर खोलने का कहा, लेकिन साढ़े नौ बजे तक दफ्तर नहीं खोला गया। इस दौरान एनआईटीटीटीआर के कर्मचारियों को दफ्तर के अंदर जाने से रोक दिया।