बैतूल- बैतूल में एक बार फिर खाकी वर्दी ने शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया है। मामला बैतूल के भैंसदेही थाने का है। जहां मोबाईल चोरी के संदेह में पकड़ाए 3 नाबालिग और एक बालिग आरोपी में पुलिस ने 8 साल के संदेही मासूम आरोपी को नंगा कर दिया और इनको लातो से मारते हुए गन्दी गन्दी गालिया दी गई । यहां तक पुलिस ने इन तीनों नाबालिगों को हाथों में हथकड़ी भी लगा दी।
दरअसल भैंसदेही के साप्ताहिक सब्जी बाजार में मोबाईल चोरी की घटना हो रही थी और कई लोगों के मोबाईल चोरी भी हुए थे। इस मामले की शिकायत होने पर पुलिस ने 4 संदेही आरोपी पकड़े जिनमें 3 नाबालिग बच्चे भी शामिल थे। थाना प्रभारी का कहना है की इन आरोपियों को शक के आधार पर लाया गया और पूछताछ की जा रही है, इन आरोपियों के पास से मोबाइल नहीं मिले कुछ पैसे मिले है ।
बैतूल के भैसदेही थाने का जहाँ पुलिस बाल आरोपियों के साथ थर्ड डिग्री अपना रही पहले गालिया फिर चांटा और फिर लात मारने में भी परहेज नहीं कर रही है । इतना ही नहीं मारपीट के बाद इन मासूमो को निर्वस्त्र कर तलाशी ली जा रही है । इन बाल आरोपियों के साथ पुलिस के इस बर्ताव से लग रहा है जैसे ये किसी गम्भीर अपराध के आरोपी है पर ऐसा नहीं है इन्हे मोबाइल चोरी के संदेह में पुलिस पकड़ कर लाइ है ।
दरअसल भैंसदेही के साप्ताहिक सब्जी बाजार में मोबाईल चोरी की घटना हो रही थी और कई लोगों के मोबाईल चोरी भी हुए थे। इस मामले की शिकायत होने पर पुलिस ने 4 संदेही आरोपी पकड़े जिनमें 3 नाबालिग बच्चे भी शामिल थे जिनमे किसी की उम्र आठ साल ,किसी की दस साल और किसी की बारह साल उम्र है । जब इस संबध में थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने आरोपों को सरे से खारिज कर दिया और कहा कि इन आरोपियों को शक के आधार पर लाया गया और पूछताछ की जा रही है, इन आरोपियों के पास से कुछ भी बरामद नहीं किया गया कुछ पैसे मिले है ।
थाना प्रभारी भैंसदेही निर्मल सिंह चौहान का कहना है कि इन आरोपियों को शक के आधार पर लाया गया और पूछताछ की जा रही है, इन आरोपियों के पास से मोबाइल नहीं मिले कुछ पैसे मिले है।
शर्मनाक बात तो यह है बाल आरोपियों के साथ जिस तरह अमानवीय व्यवहार किया गया उससे खाकी वर्दी पर कई सवाल खड़े हो गए। एक ओर पुलिस थानों में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाते हैं कि बाल आरोपियों की गिरफ्तारी खाकी वर्दी पहने पुलिसकर्मी नहीं करेंगे और उन्हें ऐसी जगह नहीं बिठाया जाएगा जहां उनके दिमाग पर कोई दुष्प्रभाव पड़े लेकिन इन आदेशों के बावजूद भैंसदेही पुलिस ने इन मासूम आरोपियों के साथ जो कृत्य किया वो बड़ा ही शर्मनाक है। यहां तक कपड़े उतारने के साथ उनके साथ गाली-गलौच और लातों से पिटाई की गई।
मानव अधिकार आयोग के आयोग मित्र इन्दर चंद जैन का कहना है की पुलिस को छोटे बच्चों के मामले संवेदनशीलता बरतना चाहिए परन्तु पुलिस के व्यवहार में सुधार नहीं आ रहा है । बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार और मारपीट से बच्चों के दिमाग पर दुष्प्रभाव पड़ता है। बैतूल पुलिस का यह अमानवीय चेहरा बच्चों के भविष्य को बिगाड़ रहा है अगर वे वास्तव में आरोपी है तो उन्हें सुधारने की कोशिश की जानी चाहिए।
रिपोर्ट- @अकील अहमद