राजकोट- गुजरात के एक गांव में दलितों की पिटाई की घटना पर खामोशी के लिए माकपा नेता वृंदा करात ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि इस घटना को अंजाम देने वाली गौरक्षा समितियों की ‘आपराधिक गतिविधियों’ को उनका समर्थन हासिल है।
करात और माकपा के सांसद पी के बीजू अत्याचार के शिकार दलितों और उनके परिवारों से मिलने गिर सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समाधियाला गांव पहुंचे हैं। कथित तौर पर एक मृत गाय की चमड़ी उतारने के आरोपी दलित युवकों की बुरी तरह पिटाई की गई थी।
11 जुलाई को हुई इस घटना में कथित तौर पर गौररक्षा समितियों का हाथ है। घटना का काफी विरोध हुआ था और गुजरात के अन्य हिस्सों में इसके विरोध में दलित समुदाय के लोगों ने आत्महत्या का प्रयास भी किया था।
आज सुबह राजकोट हवाईअड्डे पर पहुंची वृंदा करात ने कहा कि वे मुददे का राजनीतिकरण नहीं कर रही हैं और उनके दौरे का उद्देश्य पीड़ितों के प्रति समर्थन व्यक्त करना है।” उन्होंने कहा, “एक ओर दलित विरोध और गुस्से में आत्महत्या कर रहे हैं, इस घटना पर देशभर में गुस्सा है लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्प्पी बताती है कि कथित गौरक्षा समितियों की आपराधिक गतिविधियों को उनका समर्थन हासिल है।”
करात ने कहा, “हम यहां घटना का राजनीतिकरण करने नहीं आए बल्कि मोटा समाधियाला गांव के दलितों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने आए हैं।” गांव से लौटकर दोनों नेता पीड़ितों और उन दलित युवकों से भी मुलाकात करेंगे जिन्होंने घटना के विरोध में आत्महत्या का प्रयास किया था।
बीजू ने कहा कि बीते 15 साल के भाजपा के शासन में गुजरात में दलितों की स्थिति और खराब हो गई है। उन्होंने कहा, “यह हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है।” [एजेंसी]
दलित अत्याचार पर पीएम मोदी की चुप्पी पर आलोचना
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