विदिशा- पूर्व गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी सक्षम नहीं हैं। इसी कारण सरकारी योजनाओं का बुरा हाल है। योजनाएं तो सरकार ने अच्छी बना ली, लेकिन अधिकारियों की गैर जिम्मेदारी और जनप्रतिनिधियों को गलत जानकारी देने के कारण योजनाएं गड़बड़ा जाती हैं। अफसरों ने भोपाल की दो महत्वाकांक्षी मेट्रो ट्रेन और स्मार्ट सिटी की योजनाओं को इतना उलझा दिया कि उन पर अमल नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान और उप्र में मेट्रो ट्रेन चल गई है, जबकि हमारे यहां अभी कागजों में ही दौड़ रही है। मुझे अफसोस है कि वर्ष 2013 में मुझसे नगरीय प्रशासन मंत्रालय छीन लिया गया। यदि मैं इस विभाग का मंत्री होता तो अब तक भोपाल में मेट्रो ट्रेन चलवा देता। गौर यहां यादव महासभा द्वारा आयोजित प्रतिभावान विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में आए थे।
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में उक्त विचार व्यक्त किए। जनता के प्रतिनिधि गौर ने कहा कि ऐसे अक्षम अधिकारियों की नियुक्ति भी प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ही करते हैं।
मंत्री पद छिनने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि अब वे सरकार के नहीं, जनता के प्रतिनिधि हैं। इसलिए वे विधानसभा में भी जनहित से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। उनका कहना था कि यदि राजनीति खत्म भी हो जाती है तो अब उन्होंने गौशाला खोल ली है।
गौर कार्यक्रम के बाद पूर्व वित्त मंत्री राघव जी के घर पहुंचे। राघवजी के साथ उनकी कुछ देर तक अकेले में चर्चा हुई। गौर ने कहा- राघव जी और वे एक-दूसरे के बुरे वक्त के साथी हैं। जब जरूरत पड़ती है तो हम लोग एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।