बैतूल- छह हजार की आबादी वाले तीन ग्राम पंचायतों के सरपंचो ने अवैध शराब बिक्री को लेकर बैतूल पहुचकर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की हैं। गाँवों के बिगड़ते माहौल को बचाने अब आदिवासी समाज ही आगे आ रहा है।
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बैतूल जिले में अवैध शराब की गली कूचे में खुली दुकानों को बन्द कराने में पुलिस और प्रशासन की नाकामी के बाद नेताओ के कथित प्रयास भी सफल नही हो रहे हैं। शासन- प्रशासन से ना उम्मीद आदिवासी बाहुल्य भीमपुर विकास खण्ड के मोहटा पालंगा और टीटवीं ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने एकजुट होकर तीनो पंचायतो को शराब मुक्त करने का बीड़ा उठाया है।
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तीनो पंचायतो के सरपंच अशोक यूनावे ,पवन चौहान और सुमन बाई ने मंगलवार को ग्रामीणों के साथ बैतूल पहुचकर बताया की गांव में अवैध शराब की बड़े पैमाने पर बिक्री हो रही हैं जिससे आये दिन महिलाओ और स्कूली छात्राओ से छेड़छाड़ एवं स्कुल में पड़ने वाले छात्रो और नवयुवको पर नशे का बुरा प्रभाव पड रहा हैं।तीनो पंचायतो के सरपंचो ने आरोप लगाया हैं की अवैध शराब का व्यवसाय पुलिस के सरक्षण में खूब फलफूल रहा हैं।मोहदा और दामजीपुरा पुलिस को इसकी सुचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की जा रही हैं। और शराब माफिया पर कोई कार्यवाही नही की जा रही हैं।
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बैतूल जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर बसे टीटवी मोहटा और पालगा पंचायतो के दो दर्जन ग्रामवासी ताप्ती नदी को ढोगे में बैठकर पार कर बैतूल आये थे । बैतूल पहुँचकर उन्होंने एसपी और कलेक्टर को अपने फैसले से अवगत कराया है। ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन से अपेक्षा की है कि उनकी मंशा को फलीभूत करने सहयोग दिया जाए। तीनो पंचायतों के ग्रामीणों ने संयुक्त बैठक कर नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने एक समिति का गठन भी किया है।
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आदिवासी जिले में आदिवासी समाज की अगुवाई में नशामुक्ति के लिए अभियान छेड़ने का यह पहला मामला है।
रिपोर्ट- @अकील अहमद