चमोली : एक बार फिर भारतीय सीमा में चीनी सैनिकों के घुसपैठ का मामला सामना आया है। चमोली जिले में भारतीय सीमा में स्थित बाड़ाहोती का निरीक्षण करने गई प्रशासनिक टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ। बताया जा रहा है कि सैनिकों ने टीम को वापस लौटने का इशारा भी किया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी पुष्टि की है। दूसरी ओर, चमोली के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने कहा कि टीम नियमित निरीक्षण पर गई थी, लेकिन उन्होंने इससे आगे कुछ कहने से इन्कार कर दिया।
डीएम ने कहा कि ‘निरीक्षण की रिपोर्ट गोपनीय है और इसे भारत सरकार को भेजा जाएगा।’ इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली जनपद में चीन सैनिकों की घुसपैठ की घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है चीन सैनिकों ने वहां महत्वपूर्ण नहर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार जरूर संज्ञान लेगा।
पूरे मामले पर बोलते हुए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने कहा कि देखना पड़ेगा यह घुसपैठ का मामला है या नहीं। हम रिपोर्ट मंगवा कर देखेंगे।
बाड़ाहोती तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। जोशीमठ से 103 किलोमीटर दूर मलारी होते हुए रिमखिम तक सड़क से पहुंचा जाता है। इसके बाद आठ किलोमीटर पैदल चलकर बाड़ाहोती आता है। प्रशासनिक टीम इस इलाके का साल में तीन बार निरीक्षण करती है। यह निरीक्षण दो बार गर्मियों और एक बार सर्दी में किया जाता है। इसी के तहत 19 जुलाई को जोशीमठ के उपजिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह के नेतृत्व में 19 सदस्यीय दल बाड़ाहोती के लिए रवाना हुआ।
सूत्रों के अनुसार 22 जुलाई को दल रिमखिम से आगे बढ़ा तो बाड़ाहोती के पास उन्हें कुछ चीनी सैनिक नजर आए। चीनी सैनिकों ने दल को वापस लौटने का इशारा किया। इस पर दल रिमखिम लौटा और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) को इसकी सूचना दी। बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपैठ का यह पहला मामला नहीं है। पिछले वर्ष भी यहां आए कुछ चरवाहों को चीनी सैनिकों ने मारपीट कर भगा दिया था।