मुंबई- पार्ले-जी कंपनी ने मुंबई के विलेपार्ले में अपने 90 साल पुराने बिस्किट कारखाने को बंद करने का फैसला किया है। इस कारखाने में करीब 300 कर्मचारी काम करते थे। विलेपार्ले स्थित कारखाने का कारोबार 10,000 करोड़ रुपए का बताया जाता है।
देश के करोड़ों लोग पुराने समय से ही मशहूर ग्लूकोज बिसकिट पार्ले-जी खाते आ रहे हैं। इसका स्वाद अभी भी बचपन वाला ही है। कई दशकों से लोगों की पहली पसंद रहा यह बिस्किट बाजार में आसानी से मिल जाता है, जिसका दाम भी बेहद कम है। मगर अब पार्ले-जी कंपनी ने मुंबई के विलेपार्ले में अपने करीब 87 साल पुराने बिस्किट कारखाने को बंद करने का फैसला किया है।
दरअसल इस कारखाने में प्रोडक्शन कम होने के कारण कंपनी ने इसे बंद करने का फैसला लिया गया है। विलेपार्ले स्थित कारखाने का कारोबार 10,000 करोड़ रुपए का बताया जाता है। इस कारखाने में करीब 300 कर्मचारी काम करते थे। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा वीआरएस ले लिया गया है।
पार्ले-जी की शुरुआत पोर्ले ग्लूको नाम से 1939 में हुई थी, जिसका नाम 1980 में बदलकर पार्ले-जी रख दिया गया था। पार्ले-जी इस समय बिस्कुट बाजार में सबसे ज्यादा बिक्री वाला उत्पाद है। कंपनी हर दिन करीब 40 करोड़ बिस्किट का निर्माण करती है।
इस सफर की शुरुआत मुंबई के विलेपार्ले इलाके में स्थित इसी फैक्ट्री से हुई थी। इलाके के नाम पर ही कंपनी ने अपने प्रोडक्ट का नाम भी रखा था। यह कंपनी 1929 में शुरु हुई थी, जहां पहले 10 साल तक टॉफी का निर्माण होता था। यह कंपनी इतनी पुरानी है कि लोग यह नहीं समझ पाते थे कि कंपनी के नाम पर इलाके का नाम रखा गया है या इलाके के नाम पर कंपनी का नाम।
हालांकि 87 साल से चला आ रहा यह सफर अब खत्म होने जा रहा है। कंपनी के मालिक चौहान परिवार ने अब इस फैक्ट्री को बंद करने का फैसला कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पिछले कुछ सालों से उत्पादन में गिरावट हुई है। स्थानीय लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुकी इस फैक्ट्री की कमी लोग अभी से महसूस करने लगे हैं। हालांकि इस फैक्ट्री का इस्तेमाल अब किस रूप में किया जाएगा यह अभी तक साफ नहीं हो पाया।