मुंबई- महाराष्ट्र के मुंबई की लोकल ट्रेन में और स्टेशन पर हंगामा मचाने और लोगों से पैसे लूटने के आरोप में तीन महिलाओं सहित उनके पास से तीन बंदरों को हिरासत में लिया गया। पुलिस का आरोप है कि ये महिलाएं ज्यादातर दिव्यांगों के डिब्बे में जाकर लोगों से पैसे मांगती थीं और पैसे नहीं देने पर उन पर बंदर छोड़ने की धमकी देती थीं।
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पुलिस के मुताबिक, लोगों को डराने के लिये बंदरों को ख़ास तौर पर ट्रेनिंग भी दी गई थी। तीनों बंदरों को मुंबई के पूर्वी उपनगरीय इलाके घाटकोपर में रेलवे सुरक्षा बल की चौकी में रखा गया है, जहां इन्होंने जमकर उत्पात मचाया।
रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर बृजेश सिंह के मुताबिक, ये गैंग भीख मांगने के लिये डिब्बे में चढ़ता था। फिर बंदरों के जरिये डरे हुए मुसाफिरों से पैसे लेता था. ये गैंग सात साल से सक्रिय है। इन्होंने 2000 रुपये में इन बंदरों को खरीदा था. हमें शक है इस गैंग का कोई मुखिया भी है।
मुंबई में रेलवे स्टेशनों पर अवैध फेरीवालों का कब्जा है और भिखारियों की भी बड़ी तादाद है। लोगों की ये भी शिकायत है कि कुछ लोग बंदर-सांप से डराकर पैसों की उगाही करते हैं। इन तीन बंदरों को वन विभाग को सौंपा जाएगा. आरोपी महिलाओं के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है। अदालत ने उन्हें 400 रूपये के बेल बॉन्ड पर रिहा कर दिया है। [एजेंसी]