नई दिल्ली- आम आदमी की शिकायतें अब सीधे प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ेंगी। जिससे लोगों की शिकायतें जैसे सुनवाई न होना इग्नोर करना जैसी परेशानियों से छुटकारा मिल जायेगा। जिहां अब कभी भी, कहीं भी, कोई भी परेशानी या शिकायत हो सीधे सरकार को संदेश भेज सकते हैं। ट्विटर पर हैशटैग #twitterseva के साथ अपनी बातें ट्वीट कर दीजिए। आपकी शिकायत पलक झपकते संबंधित मंत्रालय या महकमे तक पहुंच जाएगी।
केंद्र सरकार का दावा है कि जब तक समाधान नहीं होगा, आपकी शिकायत ब्लिंक करती रहेगी। यानी अधिकारी उसे हल्के में नहीं ले सकेंगे। वैसे इस सेवा पर शिकायतों के अलावा सुझाव और टिप्पणियां भी कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने अपने दावे और वादे ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ पर अमल करते हुए मंगलवार को ट्विटर सेवा शुरू कर दी है।
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा से जब पूछा गया कि आखिर इस सेवा से क्या कॉल ड्राप की शिकायत भी कर सकेंगे? हड़बड़ी में दिखे सिन्हा ने कहा कि हां, इस सेवा के जरिए हर समस्या और शिकायत का समाधान होगा। ये अलग बात है कि अब तक सरकार कॉल ड्राप की समस्या का स्थाई समाधान नहीं कर पाई है। सरकार ने जो उपाय ढूंढे कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी।
इस नई सेवा के तहत कई मंत्रालय और महकमे आ गए हैं। फिलहाल ट्विटर सेवा के दायरे में संचार, दूरसंचार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा माय गवर्नमेंट तक भी इस ट्विटर हैंडल को अटैच कर शिकायत भेजी जा सकती है। इन मंत्रालयों के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार, दिल्ली और मुंबई पुलिस भी इससे जुड़ी है।
इस सेवा को डिजाइन करने वाले राहिल ने बताया कि चाहे टेलीफोन में खराबी हो, बिजली की समस्या हो, किसी महकमे या मंत्रालय में काम कराने में अड़चन आ रही हो, पुलिस आपकी सुन ना रही हो। इन सबकी शिकायत अपने ट्विटर हैंडल से #twitterseva को अटैच कर सबसे पहले ट्विट करें।
शिकायत जिस सर्वर पर जाएगी, वहां से एक टिकट जारी होगा। उसकी सूचना ट्वीट करने वाले को मिल जाएगी. फिर आप अपनी शिकायत पर की जा रही कार्रवाई को ट्रैक कर सकेंगे। इसी दौरान शिकायत संबंधित मंत्रालय या महकमे तक जाएगी. जब तक महकमे के अधिकारी उसे दुरुस्त नहीं कर देंगे तब तक ये शिकायत ब्लिंक करती रहेगी।
बीएसएनएल और एमटीएनएल का इसी सेवा के तहत अलग हैशटैग #Bsnlseva और #mtnlseva होगा। डाक विभाग के लिए #postalseva का इस्तेमाल किया जा सकेगा। धीरे-धीरे तमाम मंत्रालय और महकमे इसके अंतर्गत आएंगे. जिन राज्यों की सरकारें दिलचस्पी दिखाएंगी उनको भी इस सिंगल हैशटैग सेवा के दायरे में लाकर जनता को नया औजार दे दिया जाएगा। ताकि आरटीआई के बाद जनता के हाथ में समस्या के समाधान का एक और औजार आ सके। [एजेंसी]