भोपाल : सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण-2 में मध्य प्रदेश की आम जनता के 18,000 करोड़ रूपये डुबोने की तैयारी हो रही है. सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण-1 में 8,000 करोड़ लगाने के बाद गत 5 माह से यह महंगे कोयले के कारण लगभग बंद पड़ा है, ऐसे में बिना जरुरत के चरण-2 बना कर प्रदेश की जनता के 18,000 करोड़ रूपये डूब जायेंगे. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) द्वारा टेंडर पर आपत्ति करने के बावजूद लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को ठेका दे दिया गया. आम आदमी पार्टी ने आज राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि इस सम्बन्ध में उच्च स्तरीय जाँच की जाये, और मध्य प्रदेश की जनता के 18,000 करोड़ रूपये बचाने के लिए इस परियोजना को रद्द किया जाये.
बंद पड़ा है सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण-1
म.प्र. पावर जेनेराटिंग कंपनी द्वारा लगभग रू. 8000 करोंड़ की लागत से खंडवा जिले में सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण – १ कुल क्षमता 1200 मेगावाट) की स्थापना वर्ष 2014 में पूर्ण की गई है | विद्युत् संयत्र के नवीन व आधुनिक उच्च तकनिकी से परिपूर्ण होने होने के बावजूद, विद्युत् संयत्र अत्यधिक कम क्षमता पर चल रहा है, जो निम्न प्रकार है.
वर्ष प्रतिशत
2013 – 2014 25%
2014 – 2015 26%
2015 – 2016 40%
2016 – 2017 ( जुलाई 16 तक ) 7.2%
उपरोक्त अतिआधुनिक विद्युत् संयत्र के घटिया प्रदर्शन का मुख्य कारण कोयला परिवहन की लागत है , जो की लग भग 800 से 1000 की. मी. दूर छत्तीसगढ़ के कोरबा क्षेत्र की कोयला खदान से आता है , जिसके कारण सिंगाजी ताप विद्युत् गृह-1 की बिजली उत्पादन की लागत महँगी पड़ने के कारण वितरण कम्पनीयों द्वारा बिजली खरीदी नहीं की जाती है इस कारण सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण – 1 से शिवराज सरकार को भारी घाटा हो रहा है और यह संयंत्र गत 5 माह से बंद पड़ा है, एक यूनिट मात्र 1 महीने चली है.
21 रूपये प्रति यूनिट पड़ी सिंगाजी-1 की बिजली
सिंगाजी चरण -1 से गत 4 माह में विद्युत गृह से कुल उत्पादन 24 करोड़ यूनिट हुआ है जबकि 325 करोड़ यूनिट हो सकता था. इन चार माह के लिए फिक्स्ड प्रभार के रूप में 452 करोड़ निर्धारित है तथा उर्जा प्रभार के रूप में लगभग 60 करोड़ का भुगतान निर्धारित है. 24 करोड़ यूनिट के लिए 512 करोड़ रूपये देने पड़ेंगे, इस प्रकार बिजली की दर 21 रु प्रति यूनिट से ज्यादा पड़ेगी जो कि प्रदेश की जनता को भुगतान करना पड़ेगा.
सिंगाजी-1 के घाटे के बावजूद सिंगाजी-2 बनाने पर में डूबेंगे 18,000 करोड़
सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण – 1 के घाटे के बावजूद , अतिरिक्त रूप से सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण -2 की स्थापना एक निजी कम्पनी (L & T) के माध्यम से की जा रही है, जिसकी लागत लगभग रू 18000 करोड़ पड़ने वाली है जो कि वर्तमान मानकों के अनुसार अत्याधिक ज़्यादा है जिसका विवरण निम्नानुसार है
1. निजी कम्पनी मेसर्स L&T को दिए गए क्रय आदेश सितम्बर 2014 के अनुसार कीमत रू. 5200 करोंड़
2. विदेशी मुद्रा भुगतान की दर में परिवर्तन , मूल्य परिवर्तन प्रावधान, टैक्स की दर में बढोतरी इत्यादि पर अतिरिक्त भुगतान रू. 2000 करोंड़
3. क्रय आदेश में उल्लेखित अतिरिक्त कार्य जैसे रेल परिवहन , कॉलोनी निर्माण , भूमि विकास , निरिक्षण इत्यादि पर खर्च रू. 1000 करोड़
4.भारत सरकार पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 7 दिसम्बर 2015 को जारी पर्यावरण मानकों के परिपालन में अतिरिक्त उपकारणों पर व्यय रू . 2000 करोड़
5. सयंत्र के स्थापना काल में पूंजी पर ब्याज लागत रू. 1600 करोड़
6. आबंटित केप्टिव कोल ब्लाक गोडबहार जिला सिंगरोली का विकास व कोयला उत्खनन की लागत रू . 5000 करोड़
7. उत्पादित बिजली के पारेषण हेतू निकासी व्यवस्था हेतु ऐ.डी.बी. से ऋण रू. 1200 करोड़
कुल लगभग कीमत रू. 18000 करोड़
इतने भारी भरकम निवेश के बावजूद कोयला पुनः लगभग 1000 कि.मी. दूर सिंगरोली क्षेत्र से परिवहन होगा तथा परियोजना बहुत अधिक महँगी साबित होगी और इसकी बिजली खरीदी नहीं जा सकेगी. जिस वजह से आम जनता का 18,000 करोड़ डूब जायेगा और इसका भार महंगी बिजली के रूप में आम जनता पर पड़ेगा और आम जनता की आर्थिक स्तिथि ख़राब हो जाएगी, गरीबों की रोशनी छिन जाएगी.
इस पूरे प्रकरण में कई ऐसे बिंदु है जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि सिंगाजी ताप विद्युत् गृह की स्थापना निजी कंपनियों को फायदा पंहुचाने और एक बडे भ्रष्टाचार के लिए हुई है.
आम आदमी पार्टी शिवराज सरकार से पूछना चाहती है कि
1. शिवराज सरकार और एल एंड टी के बीच क्या रिश्ता है जो सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण – 1 में हो रहे भारी घाटे के बावजूद और BHEL की आपत्ति के बावजूद एल एंड टी को सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण – 2 का बढ़ी हुई कीमत में टेंडर दिया गया ?
2. सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण –1 की बढती लागत के कारण इस ताप गृह से खरीदी गई विद्युत् की दर रूपए 21 प्रति यूनिट पड़ रही है, फिर भी नए ताप गृह के काम को रोककर क्यों नहीं आम जनता के हजारों करोड़ रूपये बचाए जा रहे हैं?
3. प्रदेश की सबसे सस्ती बिजली पैदा करने वाले सारिणी ताप विद्युत् गृह क्र. 2 व 3 को क्यों बंद करना चाहते है शिवराज?
उल्लेखनीय है कि सिंगाजी चरण-2 का ठेका दी गयी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T), सन 2014-15 में भाजपा को चंदा देने वाले पहले 10 दानदाताओं में से एक है.
आम आदमी पार्टी ने आज राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि सिंगाजी ताप विद्युत् गृह चरण – 2 का कार्य तत्काल रूप से रोक दिया जाए और इस पूरे प्रकारण की उच्च समिति द्वारा जाँच की जाए, ताकि आम जनता का 18,000 करोड़ रुपया बचाया जा सके.