नई दिल्ली- बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि हिंदुस्तान का ताज जल रहा है लेकिन पीएम को फुर्सत नहीं ? प्रधानमंत्री संसद में बने अपने ऑफिस में सुबह 10 बजे आ जाते हैं और शाम को 6 बजे तक रहते हैं, लेकिन सदन में अहम मुद्दों पर चर्चा में शामिल नहीं होते। उन्होंने पीएम से दलितों पर हमले और कश्मीर के मुद्दे पर संसद में बयान देने की मांग की।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम (कश्मीरी) विकास के लिए, शिक्षा के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार के भरोसे रहते हैं। कानून व्यवस्था राज्य पुलिस के जिम्मे होती है लेकिन कश्मीर में यह पैरा मिलिट्री और आर्मी के जिम्मे हैं। मिलिटेंट का कोई धर्म नहीं होता, चाहे वो किसी भी जगह का हो, वो देश का हो या आईएसआईएस हो। आज कश्मीरियत का कल्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सारे दुनिया के मसलों पर बोलते हैं। दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के लिए बोलते हैं लेकिन उनके पास राज्यसभा में कश्मीर पर बोलने का समय नहीं है। कश्मीर की खूबसूरती से तो सभी को प्यार है लेकिन उन बच्चों और मासूमों से तो प्यार करें, जिनके पैलेट गन में आंखे चली गई। हिंदुस्तान का ताज जल रहा है लेकिन पीएम को फुर्सत नहीं है।
कश्मीर मु्द्दे पर सदन में चर्चा के लिए चार घंटे का वक्त तय किया गया है। मंगलवार को विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी जिसे उन्होंने मान लिया था। कश्मीर में 33 दिनों से कर्फ्यू जारी है।
गुलाम नबी आजाद ने गृह मंत्री के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह बुधवार को जीरो ऑवर स्थगित कर कश्मीर हिंसा के मसले पर सुबह 11 बजे से चर्चा शुरू करें। आपको बता दें मानसून सत्र में दूसरी बार कश्मीर हिंसा के मसले पर चर्चा की जाएगी।
हालांकि विपक्ष ने इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में मौजूद रहने की मांग भी की थी, जिस पर सरकार ने अपना पक्ष अब तक साफ नहीं किया है। विपक्ष सोमवार से कश्मीर मसले पर पीएम मोदी के बोलने की मांग कर रही है। [एजेंसी]