नई दिल्ली- एक कार्यक्रम में अपने कर्मचारियों को भारत-विरोधी नारेबाजी करने के लिए कथित रूप से अनुमति दिए जाने के खिलाफ मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने कहा कि मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीर के समर्थन में आजादी के नारे लगाए जाने के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। जबकि अमनेस्टी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है।
परमेश्वरा ने कहा, ‘हमें गंभीरता से इस मामले को देखना होगा। एफआईआर दर्ज हुई है। कार्यक्रम में वास्तव में हुआ क्या था, इसकी जांच हो रही है। सीसीटीवी फुटेज भी देखा जा रहा है। पुलिस की जांच के अनुसार कार्रवाई होगी।’
वहीं, इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य की पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद कानून अपना काम करेगा।’
एम्नेस्टी ने अपने बयान में इन आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताया। एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि ‘नारे लगाए गए हैं कि भारतीय कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए।’ इसपर एम्नेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि उसके कर्मियों ने किसी भी मौके पर कोई नारा नहीं लगाया है।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राजभवन और उसके नजदीक प्रदर्शन किया जबकि पुलिस को छात्रों को नियंत्रित करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।
एबीवीपी ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और उन लागों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की, जिन्होंने शनिवार के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर ‘आजादी समर्थक’ और ‘सेना विरोधी’ नारे लगाए थे।
गौरतलब है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने शनिवार को यहां यूनाइटेड थियोजिकल कालेज में एक पैनल चर्चा का आयोजन किया था। कार्यक्रम में उस समय गड़बडी पैदा हुयी जब कुछ ‘आजादी समर्थक’ कश्मीरियों की कश्मीरी पंडितों के एक नेता के साथ गर्मागम बहस हुयी। नेता ने भारतीय सेना की सराहना की थी।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को ‘राष्ट्रविरोधी’ बताते हुए इसके खिलाफ कल विरोध प्रदर्शन किया था। उन लोगों ने पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज करायी थी और कार्यक्रम के वीडियो की एक सीडी भी पुलिस को सौंपी। [एजेंसी]