इलाहाबाद- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गौहत्या मामले में अख़लाक़ के परिजनों को बड़ी राहत देते हुए उनके गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद को कोई राहत नहीं दी।
बता दें गौतमबुद्धनगर की जिला कोर्ट ने मथुरा फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट में गौमांस की पुष्टि होने के बाद अख़लाक़ के परिजनों के के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अखलाक(मृतक) के भाई-जान मोहम्मद, मां-असगरी, पत्नी-इकरामन, बेटे-दानिश बेटी-शाईस्ता और रिश्तेदार-सोनी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसके बाद परिजनों ने इसे साजिश करार देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी।
अखलाक के परिवार ने दादरी और मथुरा में हुई मांस की फोरेंसिक जांच के दौरान नमूनों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उसकी रिपोर्ट में गौमांस होने का दावा किये जाने के बाद अपने खिलाफ दर्ज गोवध के मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया था।
मालूम हो कि पिछले साल 28 सितम्बर को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या करके मांस को घर में रखने का आरोप लगाते हुए घर में घुसी भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके बेटे दानिश को गम्भीर रूप से घायल कर दिया था।
इस मामले में कुछ स्थानीय लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच की गयी थी। इस मामले में गौतमबुद्धनगर की एक अदालत में हाल में दाखिल फोरेंसिक रिपोर्ट में नमूने के कहा गया था कि अखलाक के घर से बरामद मांस गोमांस ही था।