डिंडोरी- आपने आज तक कथा और पुराणों में नाग लोक का नाम और उसके बारे में कई कहानिया सुनी होंगी।लेकिन जो हम आपको दिखाने जा रहे है वह कलयुग की सच्चाई है। जी हा हम बात कर रहे है डिंडौरी के नाग लोक की जहा एक दो नहीं बल्कि 7 नाग है।
जो पहाड़ी में बनी चट्टानों के बिल के भीतर रहते है। अचानक एक साथ साँपो के झुण्ड को देख गाँव का युवक भौचक हो गया । उसने गाँव के लोगो को जानकारी दी। जानकारी लगते ही देखते ही देखते नागो को देखने पहाड़ी में हुजूम लगने लगा। क्या महिला क्या पुरुष क्या बच्चे सभी पूजा अर्चना करने हाथो में नारियल,अगरबत्ती,दूध लेकर पहुचने लगे। वही नागो को मंत्र उच्चारण कर बिल से बाहर बुलाने गाँव का बरुआ भी बैठ गया। देखते ही देखते पहाड़ी में रामधुन और भोले के जय कारो से पहाड़ी गूँजने लगी।
मेहदवानी विकास खंड के भुरका गाँव की पहाड़ी में गाँव का ही एक युवक जब शौचालय के लिए आया था तब उसे नाग नागिन के झुण्ड को देखा।उसने गाँव के लोगो को इस घटना की जानकारी दी। गाँव के लोगो ने युवक की बात को सुनकर पहाड़ी आकर देखा तो सब हैरान हो गए ।
एक साथ 7 से 8 नागो को देख देवी देवता का रूप मान कर उस इस्थान में भजन कीर्तन शुरू कर दिया। ये बात आग की तरह फ़ैल गई की भुरका में 7 नागो का झुण्ड निकलता है। यही नहीं इन नागो का अपने बिलो से निकलने का समय निर्धारित है। ग्रामीणों की माने तो सुबह और शाम ही निकलते है और दर्शन देकर वापस अपने बिलो में चले जाते है। जिसका नजारा देख ग्रामीण भी आश्चर्य में पड़ गए। नागो के रंगो में अलग अलग बदलाव को भी गाँव के लोग किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं मान रहे।
जिसकी खबर लगने के बाद गाँव का एक पंडा जिसका नाम जतन सिंह है उसने मंत्रो के उच्चारण को बिल के पास बैठ कर शुरू किया देखते ही देखते उसे भाव आने लगे पंडा जतन सिंह अपने सर को साँप के बिल पर रख कर जोर जोर से साँपो का आवाहन करने लगा। ढोल मंजीरे और जोर से बजने लगे ।ग्रामीणों का समूह इस नज़ारे को देख तालिया और जय कारे लगा कर पंडा को और तेज़ भाव के लिये उतारू करने लगा ।
कुछ देर बाद नाग देवता प्रकट होकर अपने बिल से सभी ग्रामीणों को दर्शन देते है ।दर्शन के बाद नाग देवता कुछ देर पहाड़ी में विचरण के बाद पुनः अपने बिल में चले जाते है।
गाँव में ग्रामीणों के तरह तरह से तर्क है। कुछ का कहना है की जरूर इस पहाड़ी में कुछ खास रहष्य दबा है जिसके चलते नाग देवता इतनी तादाद में दिखाई दिए है। कुछ ग्रामीणों की माने तो ये नाग देवता किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुचाते है। वही दूर दूर से आये लोग पूजा पाठ कर नाग देवता से अपनी मुरादे पूरी होने की कामना करते है। जयकारे और राम धुन के बीच नाग देवता लोगो को दर्शन देते है। वही गाँव के ग्रामीण उस पहाड़ी को नागलोक के नाम से बनवाने की बात कह रहे है। उस इस्थान पर भोले नाथ की शिवलिंग की इस्थापना की गई ,जिसे जल्द ही बड़ा रूप दिया जायेगा।
बड़ी संख्या में साँपो का एक साथ दिखाई देना जरूर अचरज की बात है। लेकिन इसके कई मायने हो सकते है। बहरहाल लोग इसे एक चमत्कार के रूप में देख रहा है।
रिपोर्ट- @दीपक नामदेव