नई दिल्ली- देश में अरहर दाल की इस बार भरपूर पैदावार होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि जो जमाखोर अरहर की दाल इस लालच में जमा किये रखे हैं कि एक बार फिर अरहर के दाम बढ़ेंगे वह इस मुगालते में न रहें और अपनी दाल बाजार में निकाल दें, क्योंकि फसल अच्छी होने के कारण इस बार उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
उन्होंने पिछली बार अरहर समेत अन्य दालों के दाम बढ़ने का मुख्य कारण जमाखोरी बताया और इसके लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने दाल की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पासवान कानपुर के शर्करा संस्थान (शुगर इंस्टीट्यूट) के दीक्षांत समारोह में शामिल होने आये थे।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में पासवान ने कहा कि एक समय था जब अरहर की दाल के दाम 200 रूपये किलो तक पहुंच गये थे अब 100 रूपये तक आ गये हैं। दाल के दाम बढ़ने का मुख्य कारण जमाखोरी थी, हमारे बार-बार कहने के बावजूद राज्य सरकारों ने जमाखोरी के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की नतीजतन जनता को महंगी दाल खरीदनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकारों को अरहर की दाल 66 रूपये किलो और उड़द दाल 83 रूपये प्रति किलो देने को तैयार है। हमारे पास दाल का भंडार है जो राज्य सरकारें चाहे केंद्र से दाल खरीद सकती है। [एजेंसी]