नयी दिल्ली : Rail Budget रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज स्वीकृति दे दी।इसी के साथ अब रेल बजट पेश करने की दशकों पुरानी परंपरा समाप्त हो गयी। सूत्रों ने आज यहां बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज स्वीकृति दे दी। इसी के साथ अब रेल बजट पेश करने की दशकों पुरानी परंपरा समाप्त हो गयी। सूत्रों ने आज यहां बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल साउथ ब्लॉक में होने वाली इस बैठक में मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष से आम बजट में ही रेलवे का विवरण शामिल किया जायेगा और बजट दस्तावेज में अनुलग्नक के रूप में रेल बजट संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा जायेगा। बजट संसद में पेश किये जाने के बाद रेलमंत्री संवाददाता सम्मेलन में अगले वित्त वर्ष के लिये रेलवे के बजट प्रस्तावों की जानकारी देंगे।
सूत्रों के अनुसार इस फैसले से रेल मंत्री या मंत्रालय के अधिकारों एवं स्वायत्तता को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। रेलवे की नीतियों एवं योजनाओं पर मंत्रालय का नियंत्रण यथावत रहेगा। अलबत्ता उसके सिर से कई बोझ कम हो जायेंगे। कर्मचारियों के वेतन/पेंशन भत्ते आदि के लिये केन्द्रीय कर्मियों के लिये एकीकृत व्यवस्था होगी और रेलवे की आय पर इसका बोझ नहीं होगा।
सकल बजटीय सहायता और लाभांश के भुगतान का मुद्दा समाप्त हो जायेगा। उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री ने संसद के मानसून सत्र में बताया था कि उन्होंने वित्त मंत्री को पत्र लिख कर रेल बजट को आम बजट में समाहित करने का अनुरोध किया है। रेल मंत्रालय गाड़ियाें के यात्री किरायों एवं मालभाड़ों के निर्धारण के लिये एक स्वायत्त प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुका है। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद आने वाले समय में मोदी सरकार के लिये रेलवे को एकीकृत परिवहन मंत्रालय में विलय करना आसान हो जायेगा।