मंडला- इसी वर्ष आदिवासी लोक नृत्य कर्मा का विश्व कीर्तिमान बना कर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना दर्ज कराने वाले आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में अब नवरात्र के दौरान संस्कृति का एक अलग रंग देखने को मिल रहा है। नवरात्र में अब यहां गरबा की खासी धूम है। आदिवासी संस्कृति को मानने वाले इस जिले में गरबा और डांडिया को लेकर प्रतिभागियों एवं नगरवासियों में खासा उत्साह है।
आलम यह है कि युवम परिवार द्वारा गांधी मैदान में आयोजित तीन दिवसीय रास गरबा महोत्सव एवं सिंधी समाज द्वारा आयोजित गरबा व डांडिया प्रतियोगिता में सैंकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर नवरात्र के धार्मिक माहौल में शमा बाँध रहे है। नगरपालिका प्रशासन द्वारा आयोजन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर असमाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखी जा रही है। गरबा का प्रशिक्षण देने आई कलाकार भी मंडला का धार्मिक माहौल व गरबा प्रति उत्साह देखकर हैरान हैं।
हर वर्ष की तरह मंडला के महात्मा गांधी स्टेडियम में युवम् परिवार द्वारा दिवसीय भव्य रास गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया है। आदिवासी बाहुल्य मंडला में जिले में नवरात्र में गरबा की धूम युवम ही ही देन है। युवम परिवार करीब 2 दसक से महात्मा गाँधी स्टेडियम में रास गरबा महोत्सव का आयोजन कर रहा है। शुरूआती दौर में यह छोटे पैमाने में आयोजित किया जाता था लेकिन धीरे – धीरे इसका विस्तार होता चलाया गया और अब न सिर्फ यह भव्य रूप धारण कर चुका है बल्कि यह जिले में अपनी खास पहचान बना चूका है। इस दौरान महाआरती, गरबा नृत्य, युगल नृत्य, डांडिया नृत्य, छतरी नृत्य व घघरी नृत्य की प्रस्तुति दी जाती है ।
साल भर रहता है गरबा का इन्तिज़ार –
युवम के इस रास गरबा महोत्सव का गरबा प्रेमियों को पूरे साल इन्तिज़ार रहता है। आयोजक भी इसे ख़ास बनाने लिए नवरात्र के पूर्व से ही 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करते है। इस बार अहमदाबाद, गुजरात के मशहूर डी डांस ट्रैम्प स्टूडियो के कोरियोग्राफर्स ने जिले के प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया है। इसी प्रशिक्षण का ही परिणाम है कि प्रशिक्षित प्रतिभागी शानदार प्रस्तिति दे कर हज़ारों लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे है। 7 अक्टूबर से शुरू हुए इस रास गरबा के समापन में विभिन्न वर्ग के प्रतिभागियों को गरबा क्वीन सहित अन्य खिताबों के पुरुस्कृत किया जाएगा। युवम के रास गरबा के बाद पिछले कुछ वर्षों से सुभाष वार्ड में माँ खोड़ियार सेवा समिति के गरबा ने भी नगर में अपनी ख़ास पहचान बना ली है। याहा भी बड़ी संख्या में प्रतिभागी गरबा का आनंद ले रहे है। यहां 4 अक्टूबर से लगातार गरबा का आयोजन किया जा रहा है।
इसी मैदान में बना था कर्मा नृत्य का विश्व कीर्तिमान –
सर्वधर्म सदभाव और गंगा जमुनी तहजीब के मशहूर मंडला जिले में संस्कृति के भी अलग अलग रंग देखने को मिलते है जो इसे अपने आप में ख़ास बनाते है। अभी जिस स्टेडियम में युवम के गरबे की धूम है तो उसी मैदान में आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले की समृद्ध लोक संस्कृति एवम् लोक कला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने जिला प्रशासन द्वारा 2 दिवसीय आदि उत्सव 2016 के दौरान 11 अप्रैल 2016 को आदिवासियों का लोक नृत्य कर्मा की शानदार सामूहिक प्रस्तुति के जरिये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया गया था। इस प्रस्तुति में 3050 स्कूली छात्र – छात्राओं ने एक सी वेशभूषा में 8 मिनट 13 सेकंड की सामूहिक कर्मा नृत्य की प्रस्तुति दी थी। उस वक़्त प्रतुति समाप्त होते हो तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव को पूरा यकीन था कि यह प्रस्तुति वर्ल्ड रिकॉर्ड में यकीनन दर्ज होगी। यही वजह रही की प्रस्तुति के ख़त्म होते हो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने का जश्न भी शुरू हो गया था और इस ख़ुशी को मानते हुए कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने जमकर कर्मा नृत्य किया जिसमे सेल्फी का भी खूब दौर चला। मई माह में अधिकृत रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज होने से समूचा जिला आज भी गौरवांवित है।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली